कैंसर के मरीजों को BHU से जगी उम्मीद, आयुर्वेद की औषधियों की खोजा जाएगा इलाज

आयुर्वेद में कैंसर रोधी औषधियों में गिलोय, तुलसी, नीम, अश्वगंधा, मंजिष्ठा, सदाबहार, सारिका, खैर का अहम रोल।
कैंसर के मरीजों को BHU से जगी उम्मीद, आयुर्वेद  की औषधियों की खोजा जाएगा इलाज

वाराणसी, एजेंसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के आयुर्वेद संकाय में कैंसर से संबंधित औषधियों की खोज के लिए योजना बन रही है। आयुर्वेद संकाय के सभागार में सेवा निवृत्त आईएएस जयंत कुमार भाटिया (पूर्व मुख्य सचिव महाराष्ट्र सरकार तथा टाटा कैंसर अस्पताल के गवर्निंग बॉडी सदस्य) ने संकाय प्रमुख प्रो. के. एन. द्विवेदी के निर्देशन में विभागों में कैंसर एवं जीवन शैली से संबंधित महा रोगों पर आयुर्वेद की औषधियों की उपयोगिता पर चर्चा की। संकाय प्रमुख ने कैंसर से संबंधित शोध कार्य के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें संकाय का भ्रमण भी कराया।

वर्तमान समय में कैंसर एक बृहद रूप लेता जा रहा

प्रो. द्विवेदी ने विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए आश्वस्त किया कि इस रोग से बचाव एवं चिकित्सा के लिए जो भी सहयोग आयुर्वेद से अपेक्षित है हमारा संकाय बढ़ चढ़ कर भागीदारी करेगा। उन्होंने कहा कि इस संकाय में सबसे पहले कोविड 19 की चिकित्सा व्यवस्था जून 2020 में जारी किया गया था। उसके पश्चात अन्य संस्थाओं ने गाइड लाइन बनाया। हमारे संकाय में अभी हाल ही में मिले पद्मश्री पुरस्कार हम लोगों के कार्यो को प्रमाणित करता है। संकाय प्रमुख ने बताया कि प्रयास चल रहा है जिसमें प्रोफेसर के. के. पांडेय, प्रोफेसर नम्रता जोशी इस विषय पर सक्रियता दिखा रहे है। जल्दी ही कुछ सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। जयंत कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में कैंसर एक बृहद रूप लेता जा रहा है। यदि इस समय कैंसर पर शोध एवं डाटा एकत्रीकरण नहीं किया जाएगा तो आने वाले समय में लोगों को जूझना पड़ेगा। कैंसर के लिए आयुर्वेदिक औषधियों की खोज जरूरी है। आधुनिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद चिकित्सा को मिलकर शोध करना चाहिए। इससे रोगियों को जल्द लाभ मिलने की संभावना बनेगी। वहीं, मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।

आयुर्वेदिक कैंसर रोधी औषधियों और इससे संबंधित हुए कार्यों पर भी चर्चा

बैठक के आयोजक वैद्य सुशील कुमार दुबे ने आयुर्वेदिक कैंसर रोधी औषधियों का परिचय कराया तथा आयुर्वेद संकाय में इससे संबंधित हुए कार्यों पर भी चर्चा की। बैठक में आयुर्वेद संकाय के 100 वर्षों की विकास यात्रा की स्मारिका को प्रस्तुत किया गया। आयुर्वेद में कैंसर रोधी औषधियों गिलोय, तुलसी, नीम, अश्वगंधा, मंजिष्ठा, सदाबहार, सारिका, खैर आदि की उपयोगिता एवं शोध परक बातों पर विमर्श किया गया। बैठक में डॉ अनिल कुमार, डॉ राज किशोर , डॉक्टर विनय सेन, प्रोफेसर भूवाल राम, डॉक्टर भोलानाथ मौर्य आदि ने भी विचार रखें।

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