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चिकित्सक नई चुनौतियों का सामना करने के लिए रहें तैयार, नये अनुसंधान के साथ चलें: आनंदीबेन

-डाॅ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को किया सम्बोधित -विशिष्ट सेवाओं के लिए छात्र-छात्राओं को स्वर्ण प्रदक व प्रमाण-पत्र किये प्रदान लखनऊ, 20 मार्च (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमारे चिकित्सकों को नई चुनौतियों का सामना करने और चिकित्सा विज्ञान में हो रहे नित नये अनुसंधान के साथ चलने के लिये तैयार रहना चाहिए। उभरते हुए रोगों पर अनुसंधान करना ही एक ऐसा सबसे बेहतर तरीका है, जिससे हम रोगों की रोकथाम के उपाय करने के लिये तैयार रह सकते हैं। राज्यपाल ने शनिवार को राजधानी के डाॅ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने विशिष्ट सेवाओं के लिए छात्र-छात्राओं को स्वर्ण प्रदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किये। कोरोना काल में चिकित्सकों-स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति विश्वास बढ़ा श्रीमती पटेल ने चिकित्सकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना काल में जनमानस में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना से जंग समाप्त नहीं हुई है। वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा, जिसको सब तक पहुंचाने में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। बाल एवं महिला वार्ड की दीवारों पर शिक्षाप्रद बातें लिखने पर जोर राज्यपाल ने चिकित्सा संस्थानों में स्थित चिकित्सा वार्डों खासकर बाल एवं महिला वार्डों पर चर्चा करते हुये कहा कि यदि वार्डों की दीवारों पर शिक्षाप्रद बातें लिखी जायें तथा बीमार बच्चों के लिए खेलकूद सामान तथा पोषण सामग्री रखी जाये तो इलाज के लिये आने वाले बच्चों का ध्यान बीमारी से हटाकर उसकी ओर आकर्षित होगा तथा वे जल्दी स्वस्थ होंगे। इस प्रकार के प्रयोगों पर विचार किया जाना चाहिए। दूल्हा बिकने वाली प्रथाओं को है रोकना राज्यपाल ने सामाजिक कुरीतियों खासकर बाल-विवाह तथा दहेज प्रथा पर व्यंगात्मक प्रहार करते हुए कहा कि विवाह के लिये वर की जितनी उच्च शिक्षा होती है उसकी कीमत उतनी ही अधिक होती है। हमें ऐसी दूल्हा बिकने वाली प्रथाओं को रोकना है ओर ये कार्य हमारे युवा आसानी से कर सकते हैं। ग्राम प्रधानों को बुलाकर स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति करें जागरूक उन्होंने पदक पाने वाले चिकित्सकों से कहा कि वे अच्छी सोच के साथ अपने संस्थान को विकसित करें। उसे उत्कृष्ट श्रेणी का बनाये। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा विभिन्न रुचिकर माध्यमों से दी जानी चाहिए। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि यदि संस्थान 10-15 ग्राम प्रधानों को बुलाकर उन्हें स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगे तो वे अपने गांव में भी स्वास्थ्य शिक्षा का उजाला बिखेरेंगे। मानव जीवन में डॉक्टर बनना परम सौभाग्य: सुरेश खन्ना कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मानव जन्म प्राप्त करना सौभाग्य है लेकिन डॉक्टर बनना परम सौभाग्य है अतः सभी चिकित्सक अपने मन से मृदु व्यवहार एवं कर्म से मानवता की सच्चे मन से सेवा करें। उन्होेंने कहा कि परहित से बढ़कर कार्य धर्म नहीं है। ब्रांड स्पेशियलिटी में अध्ययन-अध्यापन, अनुसंधान एवं चिकित्सा उपचार का होता है कार्य मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश का एक विशिष्ट चिकित्सा संस्थान है। यहां ब्रांड स्पेशियलिटी में भी अध्ययन-अध्यापन, अनुसंधान एवं चिकित्सा उपचार का कार्य सम्पादित होता है। पूर्व में स्थापित डाॅ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय का सन् 2019 में इस आयुर्विज्ञान संस्थान में विलय कर लिया गया था, ताकि चिकित्सा शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं का और विस्तार किया जा सके। वर्तमान में संस्थान द्वारा एमडी, एमएस, डीएनबी, डीएम तथा एमसीएच पाठ्यक्रमों का कोर्स छात्रों को कराया जाता है। संस्थान ने 20 टीबी ग्रसित बच्चों को लिया गोद आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक अरूण कुमार सिंह ने कहा कि यह संस्थान सरकार द्वारा संचालित असाध्य रोग योजना के अन्तर्गत कैंसर, हृदय रोग, किडनी तथा लीवर के मरीजों को निःशुल्क एवं आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को भी उच्च स्तरीय उपचार उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान में ओपीडी सेवा के अन्तर्गत प्रतिवर्ष लगभग चार लाख उन्नीस हजार अड़सठ रोगियों को एवं आईपीडी सेवा के अन्तर्गत उन्तालिस हजार दो सौ सतहत्तर रोगियों की चिकित्सा की जाती है। इस अवसर पर आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा 20 टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लिया और उन्हें पुस्तकें भेंट की गयी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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