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सरकारी भूमि पर दबंगों का कब्जा, लेखपाल की रिपोर्ट में विरोधाभास

तहसील प्रशासन ने जुर्माना लगाकर किया बेदखल, नहीं हुआ आदेश का पालन प्रयागराज/कौशाम्बी, 14 अप्रैल (हि.स.)। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा टेवा में सरकारी आराजी संख्या 112 पर गांव के दबंग रमाशंकर आदि ने जबरिया कब्जा कर रखा है। तहसील प्रशासन ने अवैध कब्जा धारक रमाशंकर पर 57 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर बेदखल करने का आदेश पारित किया था, लेकिन तहसील प्रशासन का आदेश अभिलेखों तक सीमित रह गया। मौके पर तहसील प्रशासन के आदेश का पालन नहीं हो सका। जिससे अवैध कब्जा धारकों के हौसले बुलंद हैं। पूर्व में राजस्व कर्मियों द्वारा रामाशंकर के अवैध कब्जे की रिपोर्ट तहसील को सौंपी गई थी, लेकिन अब अपनी बात से राजस्व कर्मी पलट गए और अवैध कब्जा धारक रमाशंकर को निर्दोष बताते हुए सरकारी संपत्ति को उससे अलग बताया है। राजस्व कर्मियों की यह हेराफेरी आए दिन होती रहती है और अपनी रिपोर्ट से पलट जाने के बाद राजस्व कर्मी बड़े धनादोहन में जुटे हैं। देखते-देखते राजस्व कर्मी करोड़ों में खेलने लगे हैं। लेकिन राजस्व कर्मियों के मनमानी जांच रिपोर्ट और अपनी रिपोर्ट से मुकर जाने के मामले में राजस्व कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होती, जिससे सरकारी भूमि पर कब्जा धारकों के हौसले बुलंद हैं। राजस्व कर्मियों का बीते कई वर्षों से चल रहा यह खेल बड़े जांच का विषय है। राजस्व कर्मियों की एक मामले में दो बार अलग-अलग रिपोर्ट देने के मामले में जांच हुई तो राजस्व कर्मियों पर गाज गिरना तय है। अवैध कब्जा धारक रमाशंकर काश्तकार है। इनके पास कई बीघे निजी भूमि और गांव में कई पक्के मकान हैं। लेकिन फिर भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने से वह बाज नहीं आ रहे। मामले की शिकायत गांव के प्रदीप कुमार ने तहसीलदार से की, लेकिन अवैध कब्जा धारकों के कब्जे नहीं हटाए गए। तहसील प्रशासन ने अवैध कब्जा धारकों के विरुद्ध 57 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर बेदखल करने का आदेश तो पारित कर दिया था, लेकिन तहसील प्रशासन का यह आदेश लागू नहीं हो सका है। जुर्माने की वसूली नहीं हुई है सरकारी संपत्ति से कब्जा धारक बेदखल नहीं हुए हैं। जिससे तहसील का आदेश हवा हवाई साबित हो रहा है। शिकायत कर्ताओं ने आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सरकारी भूमि आराजी संख्या 112 की संपूर्ण जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाले रमाशंकर के मामले को संज्ञान लेते हुए कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की है हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/विद्या कान्त

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