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नहीं रहे लखनऊ के प्रसिद्ध इतिहासकार पद्मश्री योगेश प्रवीण

लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। अवध और लखनऊ के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले प्रसिद्ध इतिहासकार पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीण का सोमवार को राजधानी में निधन हो गया। तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर जा रहे थे, तभी रास्ते में ही 82 वर्षीय डॉ. प्रवीण ने अंतिम सांस ली। पद्मश्री डॉ. प्रवीण के भतीजे सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वे बीमार थे। रविवार को बुखार आ गया। सोमवार को तबीयत ज्यादा खराब हुई तो अस्पताल ले जाने के वास्ते एम्बुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन काफी देर तक उसका इंतजार करना पड़ा। सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि बाद में निजी वाहन से बलरामपुर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीण अवध की संस्कृति और लखनऊ पर कई पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी पुस्तक लखनऊनामा लखनऊ की कला और संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए काफी प्रसिद्ध है। डॉ. योगेश प्रवीण लखनऊ के विद्यांत हिन्दू डिग्री कॉलेज के प्रवक्ता भी थे। वर्ष 2002 में वे सेवानिवृत्त हुए थे। उनके लेख देश के प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होते थे। पद्मश्री के अलावा उन्हें यश भारती, यूपी रत्न अवॉर्ड, नेशनल टीचर अवॉर्ड सहित कई पुरस्कार व सम्मान मिले। पिछले वर्ष जब उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया तो वे काफी आनंद महसूस कर रहे थे। तब उन्होंने कहा था, ‘‘चलो देर से ही सही, लेकिन पद्म पुरस्कार मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। अब अगली यात्रा पर सुकून से चल सकूंगा।’’ हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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