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गैर मानसूनी बारिष से पश्चिमी उप्र में खरीफ की बंपर फसल की उम्मीद, खिले किसानों के चेहरे

गाजियाबाद, 24 मई (हि.स.)। पिछले दो से तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश से गाजियाबाद, हापुड़ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग 16 जिलों में खरीफ की बंपर फसल होने की उम्मीद से किसानों के चेहरे खिल गए हैं और उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं फसल की अच्छी संभावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने सभी जिलों के ब्लॉक पर खरीफ की फसलों के प्रगतिशील बीज खरीदने की अंतिम तिथि 20 मई से बढ़ाकर 31 मई कर दी है। खरीफ की फसलों में मक्का, बाजरा, ज्वार, दलहन, तिलहन, लोभीया, धान, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन आदि शामिल हैं। गाजियाबाद और हापुड़ में इस बार 83 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल रोपी जाएगी। इन दोनों जिलों में खरीफ की फसल तैयार करने के लिए किसानों ने खेतों में जुताई शुरू कर दी है। कृषि विभाग का कहना है कि जून के पहले सप्ताह से धान के बीजों की बुवाई शुरू हो जाएगी और उससे पौध बनाकर जुलाई के पहले सप्ताह में खेतों में रोपाई कर दी जाएगी। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रो व कृषि वैज्ञानिक डॉ यूपी शाही ने बताया कि इस बार गैर मानसूनी बारिश हुई है। उससे खरीफ की फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि धान की फसल के लिए यह बारिश बहुत ही उपयोगी साबित होगी। धान के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्वार, मक्का, मूंग बाजरा, मूंगफली, लोबिया, सोयाबीन की बुआई किसान करते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा इस मौसम में धान की फसल तैयार की जाती है भारतीय कृषक समाज के अध्यक्ष डॉक्टर कृष्णवीर चौधरी का कहना है कि खरीफ की फसल का उत्पादन मानसूनी बारिश के ऊपर निर्भर होता है। जिस वर्ष मानसूनी बारिश ज्यादा होती है, खरीफ की फसल का उत्पादन उतना ही बढ़ जाता है। इस बार मानसूनी बारिश की उम्मीद ज्यादा है तो उत्पादन भी ज्यादा होना चाहिए। बता दें कि गाजियाबाद की 161 ग्राम पंचायतों में इस समय खरीफ की फसल के लिए जुताई शुरू हो चुकी है। वहीं, हापुड़ जनपद के 80 ग्राम पंचायतों में जुताई का काम शुरू हो गया है। हिन्दुस्थान समाचार/फरमान/राजेश

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