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आजादी के महासंग्राम के अप्रतिम योद्धा थे नेताजी सुभाषचंद्र बोस

- नेताजी की 125वीं जयंती पर कांग्रेस नेताओं ने किया याद वाराणसी, 23 जनवरी (हि.स.)। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस 125वीं जयंती पर शनिवार को याद किये गये। जयंती पर शहर के कई संस्थाओं के साथ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने नेताजी के बलिदान और संघर्ष को नमन किया। इंगलिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउन्डेशन के कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में कांग्रेस के नेताओं ने नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नेताजी आजादी के महासंग्राम के अप्रतिम योद्धा थे। उन्होंने पूरे देश को स्वतंत्रता के मर्म को इस तरह से समझाया कि पूरा देश आजादी के महासंग्राम की प्रेरणा से अभिप्रेरित होकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ने को एकजुट हुआ था। पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजय शंकर पान्डेय ने कहा कि दुनिया के किसी भी स्वाधीनता संग्राम में ऐसा उदाहरण नहीं मिलता। जिसमें किसी दूसरे देश में महानायक ने विदेशी धरती पर सेना गठित करके अपने देश को आजाद कराने की लड़ाई को लड़ा हो। जय हिन्द नारे के प्रणेता नेता जी का यह अद्भुत और अकल्पनीय करनामा दुनिया भर को अचंभित कर गया। वहीं अंग्रेजी हुकूमत को इतनी बड़ी चेतावनी दे गया कि आखिर उन्हें देश छोड़कर जाने को विवश होना पड़ा। अन्य वक्ताओं ने कहा कि नेता जी का यह ऐतिहासिक आह्वान ’’तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा’’ देशवासियों की रगों में बिजली की तरह कौंध गया और आजादी की लहर पूरे देश भर में चल पड़ी थी। पार्टी के नेताओं ने कहा कि ’नेता’ शब्द को वास्तविक अर्थ देने वाले और आजाद हिन्द सेना के अप्रतिम सेनानायक सुभाष चन्द्र बोस अलग तरीके से आजादी का संग्राम लड़ने के बावजूद अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी से गहरा आत्मभाव रखते थे और उनका बेहद सम्मान करते थे। इसी भाव से उन्होंने गांधी जी को राष्ट्रपिता नाम से संम्बोधित किया था। वक्ताओं ने कहा कि ऐसे महानायक का त्याग और संघर्ष मय जीवन और देश के लिये मर मिटने क जज्बा देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी का हमेशा मार्गदर्शन करता रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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