आपदा संभावनाओं और अवसर का द्वार है : नीलिमा कटियार
- ”आईसीटी लर्निंग एंड कंटेंट डेवलपमेंट” विषय पर आयोजित वेबिनार में बोलीं राज्यमंत्री अयोध्या, 26 जुलाई (हि.स.)। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ”आईसीटी लर्निंग एंड कंटेंट डेवलपमेंट” विषय पर सात दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का रविवार को समापन हुआ। समापन सत्र को संबोधित करती हुई मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की नीलिमा कटियार ने कहा कि संक्रमण काल में हमारे समक्ष चुनौतियां और प्रतिकूल परिस्थितियां रही लेकिन उसमें हम अपना कैसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं, वह हमें सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि हमारे गुरूओं ने आपदा में अपने वैशिष्ट्य को बचाकर रखा है। शिक्षा क्षेत्र की जब बात होती है तब हमने आपदा काल में भारत की विशेषता सिद्ध की है। आपदा संभावनाओं और अवसर का द्वार है। इसी अवसर को सार्थक बनाते हुए भारत को दैदीप्यमान करना होगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन हुआ है और प्रैक्टिकल के स्थान पर वर्चुअल क्लासेज आ रहे हैं। हम संसाधनों का प्रयोग करके लोकल को ग्लोबल सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि हमारे भारत के शिक्षकों एवं छात्रों में जिजीविषा है। जब आपदा आती है तो वे अपने को उसमें ढाल लेते है। यह भारतीयों की अद्भुत क्षमता है। आज की परिस्थिति में उत्तर प्रदेश में जिस संख्या में ई-लर्निंग मैटेरियल का उपयोग किया है और डिलेवरी की है वह अनुकरणीय हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्ट्राइड इग्नू, नई दिल्ली के डिस्टेंट लर्निेंग के प्रो0 रामपल्ली सत्य नारायण ने बताया कि इस महामारी में एक नये तरह की शिक्षा पद्धति पर विचार करने की आवश्यकता है। ई-कंटेंट, वर्चुअल लैब, वर्चुअल प्रोग्रामिंग को आज के समय में शिक्षक के लिए नितांत आवश्यक बताया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक डाॅ0 मनोरमा सिंह ने अतिथियों को स्वागत किया। संचालन फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के चेयरमैन प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह ने किया। हिन्दुस्थान समाचार / पवन /उपेन्द्र-hindusthansamachar.in