नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो(NCRB) ने वर्ष 2022 की अपराधों की रिपोर्ट जारी कर दी है, इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में अपहरण के 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किये गए है। अपहरण के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में अव्वल रहा। भारत में अपहरण के औसतन 294 से अधिक मामले हर दिन और 12 से ज्यादा मामले हर घंटे दर्ज किये गए।
देश में अपहरण के मामलो में लगातार वृद्धि हो रही है
एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 से अपहरण के मामलो में वृद्धि ही हो रही है, जहां 2020 में देश अपहरण के 84,805 और 2021 में 1,01,707 मामले दर्ज थे। वहीं वर्ष 2022 में अपहरण के 1,07,588 मामले देश में दर्ज किये गए। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में पूरे देश में अपराध की औसत दर 7.8 थी, जो कि प्रति एक लाख आबादी के हिसाब से कैलकुलेट की गई है। वहीं इस तरह के अपराधों में आरोप पात्र दायर करने की दर 36.4 थी।
पूरे देश में सबसे ज्यादा अपहरण के मामले उत्तर प्रदेश में हुए
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2022 में अपहरण के सबसे ज्यादा 16,262 मामले दर्ज हुए, वहीं उत्तर प्रदेश में 2021 में 14,554 मामले और 2020 में 12,913 मामले दर्ज हुए। जो कि हर साल बढ़ते ही रहे है। उत्तर प्रदेश से सटी देश की राजधानी दिल्ली में 2022 में अपहरण के 5,641, 2021 में 5,527 और 2020 में 4,062 मामले दर्ज किये गए थे।
उत्तर प्रदेश में महिलाओ के प्रति अपराध रिकॉर्ड में हुआ सुधार
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का अपराध के खिलाफ लिए गए कठोर कदम, साफ साफ एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट में दिखाई दे रहा है। इस रिपोर्ट के अनुसार यूपी में महिलाओं, बच्चों के प्रति हत्या, अपराध और लूट के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में सुधार आया है। उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में भी सुधार आया है। उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजीपी प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि हत्या में यूपी 28 वे स्थान पर, छेड़छाड़ में 17वें, अपहरण में 30वें और हत्या के प्रयास में 25वें स्थान पर है। डीजीपी प्रशांत ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ सजा देने के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर पहुंच गया है। उन्होंने इस सबका का श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया है।
शीर्ष पांच राज्यों में हत्या की सबसे ज्यादा एफआईआर यूपी में दर्ज दर्ज
2022 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3,491 FIR दर्ज हुए, फिर बिहार में 2,930, महाराष्ट्र में 2,295, मध्य प्रदेश में 1,978 और राजस्थान में 1,834 मामले दर्ज हुए। पांचों राज्यों में हत्या के 43.92 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।
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