कुशीनगर में नारायणी के कहर से ग्रामीणों का पलायन, बचाव में उतरी एनडीआरएफ
कुशीनगर में नारायणी के कहर से ग्रामीणों का पलायन, बचाव में उतरी एनडीआरएफ

कुशीनगर में नारायणी के कहर से ग्रामीणों का पलायन, बचाव में उतरी एनडीआरएफ

-नेपाल ने छोड़ा 4.21 लाख क्यूसेक पानी -खतरे के निशान को पार कर गई नदी कुशीनगर, 21 जुलाई(हि.स.)। उप्र के कुशीनगर जिले के आठ गांवों के ग्रामीणों ने नारायणी नदी के कोप के चलते पलायन शुरू कर दिया है। स्थिति यह है कि नदी किनारे बसे ये गांव पानी में डूब गए हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम स्टीमर व नाव लेकर उतर पड़ी है। मंगलवार को नेपाल ने नदी में 4.21 लाख क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज करने से स्थिति भयावह हो गई। शाम तक यह आंकड़ा पांच लाख क्यूसेक पार कर जाने का अंदेशा है। नदी खतरे के निशान 96 मीटर से 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। लगातार हो रही बारिश व नेपाल के बाल्मीकिनगर बराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यह स्थिति बनी। बाढ़ से खड्डा तहसील के नरायनपुर, महादेव, बकुलादह, हरिहरपुर, शिवपुर, मरिचहवा आदि गांव शामिल है। हालांकि इन गांवों में एक दो फुट तक पानी दो दिन पूर्व ही लग गया था। परंतु जलस्तर लगातार बढ़ता देख कर प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना उचित समझा। मंगलवार सुबह एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई। टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना शुरू कर दिया। फिलहाल किसी प्रकार के जनधन की हानि नहीं है। एडीएम विंध्यवासिनी राय ने बताया कि जिला प्रशासन स्थिति पर निगाह रखे हुए है। किसी भी प्रकार की जनधन की हानि नही होने दी जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/राजेश-hindusthansamachar.in

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