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नैमिषारण्य : दधीचि कुण्ड पर साधु-संतों व सन्यासियों का पूजन

- परिक्रमा में लाखों की संख्या में शामिल होते रहे हैं श्रद्धालु सीतापुर, 27 मार्च(हि.स.)। नैमिषारण्य क्षेत्र अंतर्गत 84 कोसी परिक्रमा के समापन के बाद मिश्रित कस्बे में पंचकोसी परिक्रमा के तीसरे दिन परिक्रमा में शामिल अन्य जनपदों तथा स्थानीय साधु-संतों, दंडी स्वामियों का पूजन कर उनका सम्मान किया गया। गौरतलब है कि नैमिष क्षेत्र में प्रतिवर्ष होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा के समापन के बाद मिश्रित कस्बे में पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन होता है। यह परिक्रमा फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिनों तक चलती है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के लोग लाखों की संख्या में भाग लेते हैं। हजारों की संख्या में शामिल होते हैं साधु संत इस परिक्रमा में साधु-संत, सन्यासी भी शामिल होते हैं। कस्बे में बने पौराणिक धार्मिक स्थल दधीचि कुंड पर "तीर्थ पुरोहित हितकारी संस्थान" के बैनर के तले शुक्रवार देर शाम मेला तथा परिक्रमा में शामिल सभी साधू सन्यासियों एवं दंडी स्वामियों का पूजन किया गया। नारदानंद आश्रम से जुड़े साधु-संत भी शामिल हुए। समिति से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बताया कि आयोजन देर रात तक चलता रहा इसमें सभी संतों का मंत्रोच्चारण के बीच तिलक चंदन लगाकर एवं अंग वस्त्र से उनका सम्मान किया गया। समित से जुड़े हुए लोगों के द्वारा संतों को दक्षिणा भी प्रदान की गई। मिश्रित नगर पालिका के सभासद कमलाकांत ने बताया कि यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है, आयोजन से जुड़े हुए समिति के लोग सभी साधु संतों का सम्मान करते हैं। जिसमें हजारों की संख्या में साधु संत सन्यासी शामिल होते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश शर्मा

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