नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मुख्तार अंसारी कभी एक अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी हुआ करता था। अपने क्षेत्र में अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए जाना जाता था। लेकिन उसने बुरी संगत में आकर अपना पूरा करियर खराब कर लिया। हर इंसान अपनी राह खुद ही चुनता है। चाहे वो ठीक दिशा में हो या गलत। मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया में प्रवेश अपने खुद के निर्णय से किया। । उसने अपराध के दम पर राजनीति में भी प्रवेश किया और लगातार 5 बार विधायक चुना गया। मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की रात को जेल में मृत्यु हो गयी है। वह करीब 18 साल 6 महीने से जेल में था।
मुख्तार अंसारी एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से था
मुख्तार अंसारी एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से था। लेकिन उसने अपराध की दुनिया को चुना। उसका जन्म 20 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद में हुआ था। मुख्तार के पिता का नाम सुबहानुल्लाह अंसारी था। उनके पिता नगर पालिका परिषद मुहम्मदाबाद के पूर्व चेयरमैन रहे थे। उनके दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। जो वर्ष 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार के परिवार के लोग समाजसेवा से जुड़े थे। लेकिन मुख्तार अंसारी का अपराध की दुनिया को चुनना बहुत ही गलत निर्णय था। जिसका अहसास उसे अंतिम समय में जरूर हुआ होगा।
मुख़्तार अंसारी का क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था
मुख़्तार अंसारी का क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। वह अपने साथियों के साथ क्रिकेट खेला करता था और अच्छा खेल खेलने के लिए जाना जाता था। लेकिन उसने 80 के दशक में साधु-मकनू गिरोह से जुड़ने का फैसला लिया। उसने साधु और मकनू को अपना गुरु मानकर अपराध की दुनिया के गुर सीखे और धीरे धीरे अपना ही गैंग खड़ा कर डाला और बड़ा माफिया बन गया। उसका अंतरराज्यीय गिरोह वर्ष 1997 में पुलिस डोजियर में दर्ज किया गया। उसको 25 अक्तूबर 2005 को जेल हो गयी, जिसके बाद वह जेल में ही बंद रहा। उसकी मृत्यु भी जेल में 28 मार्च 2024 की रात को हो गयी। मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा से 5 बार विधायक चुना गया था। वह वर्ष 1996 से 2022 तक इस सीट से विधायक चुना गया था।
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