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ताउते तूफान से मानसून पर नहीं पड़ेगा असर, अबकी बार बारिश होगी बेहतर

— कानपुर में बदरी के साथ बारिश से गिरा तापमान, मौसम का बदला मिजाज — 21 मई तक बारिश के साथ चलेंगी तेज हवाएं, चमकेगी आकाशीय बिजली कानपुर, 19 मई (हि.स.)। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते का असर उत्तर प्रदेश में भी पड़ रहा है और हवाओं के साथ बारिश हो रही है। यह क्रम अभी 21 मई तक बरकरार रहेगा। बारिश के साथ आसमान में बादल छाये रहने से कानपुर परिक्षेत्र में मौसम का मिजाज बदल गया। हालांकि ताउते को लेकर किसान परेशान भी दिख रहे हैं, लेकिन मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों को घबराने की जरुरत नहीं है। ताउते का असर मानसून पर नहीं पड़ने वाला है और अबकी बार भी बारिश बेहतर होगी। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउते का असर शहर में भी पड़ रहा है जिससे मौसम का मिजाज बदल गया है। चक्रवात के कारण लगातार बारिश हो रही है और आसमान में बादल छाये रहने से लोगों को तेज धूप से निजात मिल रही है। मंगलवार की रात से शुरु हुई बारिश बुधवार को भी रुक-रुक कर होती रही। इससे तापमान में भी गिरावट आ गई। चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि आज कानपुर सहित पूरे मंडल में बारिश की गतिविधियां शत प्रतिशत क्लाउट कवरिंग के साथ जारी रहीं। ताउते चक्रवात आज राजस्थान के ऊपर दीप डिप्रेशन में तब्दील हो गया है लेकिन यह चक्रवात अरब सागर से आद्र हवाएं जो भारी नमी युक्त हैं उनको लाने में पूरा कामयाब हो रहा है जिससे इस चक्रवात का ट्रैक उसके आसपास आने वाले प्रदेश दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड इन सब में तेज बारिश एवं तेज हवाओं के साथ आकाशीय बिजली की घटनाएं भी होने की पूरी संभावना हैं। कानपुर में लगभग 19 एवं 20 मई में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाएगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था कर लें। मानसून पर नहीं पड़ेगा असर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि देश के कई राज्यों में तबाही मचाने वाला ताउते तूफान मानसून की रफ्तार पर कोई ब्रेक नहीं लगा पाएगा। दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपनी तय तिथि से एक-दो दिन पहले ही केरल में दस्तक दे देगा। इतना ही नहीं, इस साल मानसून की बारिश भी बेहतर होने की संभावना है। बताया कि ताउते तूफान और दक्षिणी पश्चिमी मानसून की दस्तक में करीब दो सप्ताह का अंतराल रहा है। यही अंतराल इस दिशा में फायदेमंद साबित हुआ है। बताया कि मानसून के आगमन की पूर्व निर्धारित तिथि एक जून है, जबकि पूर्वानुमान है कि यह 31 मई तक ही केरल पहुंच जाएगा। हालांकि एक निजी एजेन्सी ने 30 मई की संभावना जताई है। अब अगर ताउते की बात करें तो इसका असर दो दिन में ही पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसलिए इससे मानसून का शेड्यूल या इसकी रफ्तार कुछ भी प्रभावित नहीं होगी। अगर यह तूफान मई के अंतिम सप्ताह में आता तो अवश्य ही मानसून की दस्तक को प्रभावित कर सकता था। 21 मई तक सावधान रहें किसान बताया कि मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सूचित किया जाता है कि 19,20,21 मई को तेज हवाओं के साथ स्थानीय स्तर पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है अतः किसानों को सूचित किया जाता है कि वे जायद की खड़ी फसलें जैसे मक्का, उर्द, मूंग तथा सब्जियों से अत्यधिक वर्षा जल निकास का उचित प्रबंध करें तथा हवाओं की गति तेज रहने के कारण पशुओं को पेड़ के नीचे तथा बरसात के समय राहगीरों को पेड़ के नीचे ना रुके ना ही पशुओं को पेड़ के नीचे ना बांधे जिससे हवाओं के चलने से पेड़ की टहनियां व पेड़ के गिरने की संभावना अधिक रहती है। प्री मानसून से अधिक होगी बारिश मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि ताउते चक्रवात के कारण यह बारिश हो रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार का चक्रवात आने से अन्य सभी मौसमी प्रणालियां कमजोर हो जाती हैं। ताउते चक्रवात के आने पर भी ऐसा ही हो रहा है। मई का महीना प्री मानसून का हुआ करता था। बारिश रुक-रुक कर हुआ करती थी और वह हल्की होती थी। जबकि इन दिनों उससे कहीं तेज बारिश हो रही है। चक्रवात के असर से कई वर्षों बाद मौसम के मिजाज में इतना बड़ा परिवर्तन आया है। बताया कि आज 24.4 मिमी बारिश हुई है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 28 और 23.2 डिग्री सेल्सियस रहा। हवाओं की दिशाएं दक्षिणी पूर्वी हैं जिनकी रफ्तार 4.9 किमी प्रति घंटा रही। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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