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मोदी सरकार की चार श्रम संहिताओं और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग - माले

लखनऊ, 01 मई (हि.स.)। भाकपा (माले) और एक्टू ने अंतर-राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मोदी सरकार की चार श्रम संहिताओं और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही, कोरोना संकट से प्रभावित प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की भी मांग की है। शनिवार को मजदूर दिवस कोरोना महामारी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से घरों और कार्यस्थलों से मनाया गया। पोस्टरों और सोशल मीडिया के माध्यम से मांगों को उठाया गया। कुछ जगहों पर कोरोना नियमों का पालन करते हुए संक्षिप्त समारोह भी हुए। दिल्ली बार्डर पर पांच महीने से भी अधिक समय से अनवरत जारी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त की गई। मई दिवस पर जौनपुर में बक्सा ब्लॉक के लखनीपुर में मनरेगा मजदूर सभा के सदस्यों ने मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा (माले) जिला प्रभारी गौरव सिंह ने की। उन्होंने आज के दिन के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए संगठन के साथियों का कोरोना संकट से प्रभावित जनता की मदद करने का आह्वान किया। कानपुर में पार्टी कार्यालय पर आयोजित मई दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व माले जिला प्रभारी कामरेड विद्या रजवार ने किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के चारों लेबर कोड मजदूरों के गुलामी के दस्तावेज हैं। आठ घंटे का श्रम दिवस हासिल करने के लिए मजदूर वर्ग ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं और इन्हें हम बेकार नहीं जाने देंगे। मोदी सरकार ने श्रम संहिता में मजदूर-विरोधी संशोधन कर आठ की जगह 12 घंटे का कार्य दिवस कर दिया है, जिसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे। रायबरेली में मजदूर दिवस का नेतृत्व माले नेता व एक्टू प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही ने किया। उन्होंने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ऑक्सीजन, बेड, दवा-इलाज, वैक्सीन की पर्याप्त व मुफ्त व्यवस्था करने और कालाबाजारी पर कड़ाई से रोक लगाने की मांग की। कहा कि महामारी और लॉकडाउन के चलते हजारों मजदूर परिवार बेरोजगारी से भुखमरी के कगार पर हैं। रोज कमाने-खाने वालों के सामने भी विकराल संकट पैदा हो गया है। ऐसे में सरकार को सरकारी राशन की दुकानों से सभी गरीबों को प्रति व्यक्ति 15 किलो मुफ्त अनाज के साथ रोजमर्रे की अन्य जरूरतों के लिए दस हजार रुपये प्रति माह देने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। प्रयागराज में मई दिवस को मजदूर-किसान एकता दिवस के रूप में मनाया गया। एक्टू से सम्बद्ध नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन व आईआरईएफ़ के तत्वावधान में मुख्य समारोह प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजित किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से फ्रंटलाइन कोरोना वैरीयर्स रेलवे कर्मचारियों का एक करोड़ का बीमा करने की मांग प्रमुखता से उठायी गई और रेलवे के निजीकरण का जोरदार विरोध किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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