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मीरजापुर : चर्मरोग से निजात के लिए शेरवां पहाड़ पर जुट रहे सैलानी

-रामसागर जलकुंड में स्नान मात्र से मिलती है चर्मरोगों से मुक्ति मीरजापुर, 27 जून (हि.स.)। मौसम का मिजाज बदलने के साथ ही एक पखवाड़े से झमाझम हो रही बारिश के बीच शेरवां की पहाड़ी वादियां सैलानियों से गुलजार होने लगी हैं। पहाड़ी के ऊपर स्थित रामसागर धाम, जलकुण्ड, महाबीर हनुमानजी मंदिर, पहाड़ी मे स्थित कन्दराएं, गुफाएं एवं पहाड़ी के ऊपर से बने झरने लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शेरवां की पहाड़ी बरसात के दिनों में दूर-दराज के सैलानियों को अपनी ओर आने के लिए विवश करती है और बरबस लोग यहां खिचे चलें आते हैं। दूरदराज से आए सैलानी यहां आकर रामसागर धाम स्थित तालाब में स्नान करते हैं। तत्पश्चात बाटी-चोखा सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का आनंद उठाते हैं। रामसागर धाम स्थित तालाब जलकुण्ड की मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने मात्र से चर्म रोग से निजात मिल जाती है। रविवार व छुट्टी के दिनों सहित बरसात शुरू होने के पश्चात पूरे सावन भर पहाड़ी वाराणसी, चन्दौली, सोनभद्र आदि जनपदों से आने वाले सैलानियों से गुलजार रहती है। नहीं मिला पर्यटन स्थल का दर्जा रामसागर धाम को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने के लिए वर्षों से मांग की जा रही है। लेकिन पर्यटन विभाग ने अभी तक पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं दिया है। हालांकि ग्रामीणों की मांग पर सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्रालय की ओर से कई बार सर्वे किया जा चुका है। शेरवां पहाड़ी पर स्थित रमणीक स्थल के विकास होने से यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल जाएगा। उप पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि इलाके का सर्वे हो चुका है। जल्द ही यहां का विकास किया जाएगा। ऊबड-खाबड रास्ते से जाते हैं सैलानी शेरवां पहाड़ी पर स्थित रमणीक स्थल रामसागर धाम तक जाने के लिए सैलानियों को ऊबड-खाबड रास्ते से जाना पड़ता है। जिससे लोगों को तमाम कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय नागरिक हरिराम द्विवेदी, शरणशंकर चतुर्वेदी, आलोक श्रीवास्तव, पुनीत चौबे, प्रोफेसर योगेश द्विवेदी, आलोक द्विवेदी, दुर्गेश द्विवेदी आदि ने रामसागर धाम के स्थलीय विकास की मांग शासन-प्रशासन से की है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त

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