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मीरजापुर : पराग डेयरी पर दुग्ध समितियों का 28 लाख बकाया

- जिले में 109 में से महज 69 दुग्ध समितियां सक्रिय मीरजापुर, 23 मई (हि.स.)। कोविड-19 संक्रमण के कारण बाजारों से उपभोक्ता गायब हो गए हैं। इसके चलते दूध, दही एवं पनीर आदि उत्पादों की बिक्री न होने के चलते पराग के उत्पादों की बिक्री रूक गई है। इससे दूध उत्पादक समितियों का पराग पर लगभग 28 लाख का भुगतान अटक गया। पराग डेयरी दुध उत्पादकों को लगभग 32 रुपया प्रति लीटर की दर से दूध का भुगतान करता है। कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट के चलते इस समय दुग्ध उत्पादक घिरते जा रहे हैं। जिले में लोगों को शुद्ध दूध मुहैया कराने की जिम्मेदारी शास्त्री पुल के पास स्थित पराग पर है। इसकी क्षमता 5 हजार लीटर है, हालांकि वर्तमान समय में दो हजार 300 लीटर दूध ही स्टोरेज हो रहा है। दिसम्बर माह के पहले तक चार हजार लीटर दूध का स्टोरेज और खपत होती थी। पराग में दूध आपूर्ति के लिए इन दिनों 79 समितियां है। जबकि इसके पहले 109 समितियां दूध की निर्वाध आपूर्ति करती थीं। पराग दुग्ध संघ समितियों के माध्यम से उत्पादकों को घी खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पराग के मैनेजर राजेश सोनकर ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के चलते शादी-विवाह में लोगों की संख्या में काफी कमी आई है। इसके चलते दूध और उससे बने उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। कोरोना संक्रमण का दर इन दिनों जनपद में काफी तेजी से घट रहा है, इसके चलते आने वाले दिनों में पराग दूध व उसके उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी। दुग्ध समितियों को प्राथमिकता के आधार पर भुगतान कराया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर/विद्या कान्त

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