आर्थिक तंगी झेल रही महिला वकीलों ने गृह मंत्री अमित शाह को भेजा प्रत्यावेदन
आर्थिक तंगी झेल रही महिला वकीलों ने गृह मंत्री अमित शाह को भेजा प्रत्यावेदन

आर्थिक तंगी झेल रही महिला वकीलों ने गृह मंत्री अमित शाह को भेजा प्रत्यावेदन

प्रयागराज, 26 जुलाई (हि.स.)। देश की दो हजार से अधिक महिला अधिवक्ताओं ने कोरोना के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे अधिवक्ता समाज की सहायता एवं अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) न्यायालयों के ढांचे को सुधारने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को प्रत्यावेदन भेजा है। इन महिला वकीलों ने लॉकडाउन के कारण मार्च माह से न्यायिक प्रणाली के सुचारू रूप से पूर्णतः कार्य न करने से आर्थिक तंगी झेल रहे अधिवक्ता समाज की पीड़ा को समझते हुए अधिवक्ता समाज के लिए उचित नियम एवं शर्तों पर आसान किश्तों पर ऋण दिए जाने की गुहार केंद्रीय गृहमंत्री से लगाई है। महिला अधिवक्ताओं ने इसके लिए गत 21 जुलाई को हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। अभियान प्रारंभ होने के मात्र 40 घंटों के भीतर करीब 2000 महिला अधिवक्ताओं ने इस पहल के लिए अपनी सहमति जताई। जम्मू कश्मीर से केरल व राजस्थान से मेघालय तक लगभग 400 जिलों की महिला वकील सम्पूर्ण अधिवक्ता समाज के कल्याण के इस प्रत्यावेदन से जुड़ गईं। प्रत्यावेदन में महिला अधिवक्ताओं ने गृहमंत्री से आपदा प्रबंधन अधिनियम 2015 के तहत अधिवक्ता समाज की सहायता करने एवं अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) न्यायालयों के ढांचे को सुधारने का आग्रह किया है। प्रत्यावेदन की प्रति प्रधानमंत्री, विधि एवं न्याय मंत्री एवं वित्त मंत्री को भी उचित कार्रवाई के लिए भेजी गई है। एडवोकेट कमला मिश्रा का कहना है कि अनलॉक प्रक्रिया के दौरान न्यायालय बहुत कम कार्य कर पा रहे हैं और आज के समय मे अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) न्यायालयों की आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बढ़ गई है। अधिकतर अधिवक्ताओं के पास लैपटॉप, स्कैनर, अच्छे सिग्नल के लिए उचित मानक वाले वाईफाई जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का उचित ढांचा नहीं है। बार एसोसिएशन भी इस सबके लिए सक्षम नहीं दिख रहे हैं। इस कारण वकील न्याय निष्पादन प्रणाली की उचित सहायता नहीं कर पा रहे हैं। केंद्र सरकार इस प्रत्यावेदन को संजीदगी से लेता है तो महिला अधिवक्ताओं का यह कदम अधिवक्ता समाज को कोरोना के कारण आई आर्थिक तंगी से उबारने में काफी सहायक होगा। साथ ही भविष्य के अप्रत्यक्ष (वर्चुअल) न्यायालयों के ढांचे को सुधारने और न्याय की सुलभ पहुंच में आम आदमी के हितों को भी सुनिश्चित करने में मददगार होगा। अधिवक्ता कमला मिश्रा ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की अर्चना त्यागी, सुजाता चौधरी, ज्योति बाला, अनीता सिंह, वत्सला उपाध्याय आदि महिला अधिवक्ता भी इस ऐतिहासिक प्रयास मे सहभाग कर रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in

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