पश्चिम बंगाल में हत्याओं की जांच के लिए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उप्र राज्यपाल को सौंपा
लखनऊ, 27 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में हो रही हत्याओं की जांच के लिए राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से प्रतिनिधिमंडल ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हो रही राजनैतिक हत्याएं, भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों का हनन और निष्क्रिय हो चुकी कानून व्यवस्था का उदाहरण है। चुनाव खत्म होते ही सरकार के इशारे पर 23 हत्याएं, 4 दुष्कर्म के मामले सार्वजनिक हैं। एक ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार में प्राणघातक हमलों की 2157 घटनाएं हुई हैं। 692 कार्यकर्ताओं अथवा उनके परिजनों की हत्याएं हुई है। लगभग 3886 घटनाएं उनकी सम्पत्तियों पर कब्जा अथवा नष्ट करने की हुई है। भय से लगभग 1800 लोगों ने आस पास के जिलों में शरण ली है। इन घटनाओं ने कुल 3000 गांवों एवं 70 हजार लोगों को प्रभावित किया है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का हाल यह है कि थानों में हत्याओं और रेप की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। शासन, प्रशासन द्वारा भी दोषियों और इन घटनाओं को संरक्षण दिया जा रहा है। प्रतिनिधियों ने मांग की है कि तत्काल हिंसा पर रोक लगाई जाए एवं हिंसा के लिए जिम्मेदार दोषियों को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। राज्यपाल से मिलने वालों में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रधानाचार्य राकेश चैत्री, सीमैप के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ हरमेश चौहान, केंद्रीय सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार निर्मल सिंह, लखनऊ क्रिस्चियन कॉलेज के प्रिंसिपल डेनजील जे गोडिन, रिटायर्ड कर्नल लक्ष्मी कांत तिवारी, आईआईए के पूर्व चैयरमैन प्रशांत भाटिया मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/विद्या कान्त