Bharat Ratna: PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक, चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा से विपक्ष ने साधी चुप्पी

Meerut: लोकसभा चुनाव से पहले PM मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा से विपक्ष सन्न हो गया है। RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इस पर खुशी जताई है।
PM Modi 
Chaudhary Charan singh
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मेरठ, हि.स.। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को चारों खाने चित्त कर दिया है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों और जाट समाज को साधने की दिशा में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है। इस दांव से BJP के सभी विरोधी दल सन्न है और वे बधाई देने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

जाट समाज के देवता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि रही है। जमींदारी उन्मूलन कानून सफलतापूर्वक लागू करने के कारण किसानों को जमीनों पर मालिकाना हक मिला। इस कारण से किसानों और जाट समाज में उन्हें देवता की तरह मान दिया जाता है। कांग्रेस विरोध की राजनीति के बाद चौधरी चरण सिंह को अपना राजनीतिक गुरु मानने वाले नेताओं की बड़ी पंक्ति तैयार हो गई। इनमें मुलायम सिंह यादव, केसी त्यागी, त्रिलोक त्यागी, राजेंद्र चौधरी जैसे नेता शामिल है। मुलायम सिंह यादव ने तो खुद को चौधरी चरण सिंह को राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। उनके राजनीतिक उत्तराधिकार को लेकर चरण सिंह के बेटे अजित सिंह और मुलायम सिंह के बीच जीवनभर रस्साकशी चलती रही।

विरोधी भी वेस्ट यूपी में आकर करते रहे गुणगान

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति (विशेषकर जाट समाज) में चौधरी चरण सिंह का इतना प्रभाव था कि चुनाव प्रचार करते समय यहां आकर धुर विरोधी भी उन्हें नमन करते थे। चरण सिंह के विरोधी भी उन्हें नजरंदाज नहीं कर पाए और जनसभाओं में उन्हें नमन करने के बाद ही अपने भाषण की शुरूआत करते थे।

2014 में टूट गया था जाट-मुस्लिम गठजोड़

चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह को स्वाभाविक रूप से उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का लाभ मिलता रहा। इस कारण अजित सिंह बागपत से 7 बार चुनाव जीते। 2013 के दंगों के बाद राष्ट्रीय लोकदल का परंपरागत जाट-मुस्लिम समीकरण टूट गया और RLD सियासी बियाबान में फंस कर रह गया। 2014 और 2019 के चुनाव में अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी को लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।

प्रधानमंत्री द्वारा भारत रत्न की घोषणा से विरोधी सन्न

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग लगातार उठाई जा रही थी। RLD के साथ ही चरण सिंह द्वारा स्थापित लोकदल द्वारा भी उन्हें भारत रत्न देने की मांग हो रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा से विरोधी दल सन्न रह गए हैं। किसी भी पार्टी का नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का विरोध करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। सभी इसके लिए प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं। लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

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