नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में भारी उथल-पुथल का दौर चल रहा है। समाजवादी पार्टी इन दिनों प्रदेश में टिकट बांटने को लेकर चर्चा में बनी हुई है। पार्टी ने मेरठ लोकसभा सीट पर एक बार फिर अपना उम्मीदवार बदल दिया है। सपा द्वारा मेरठ में यह तीसरी बार प्रत्याशी बदला गया है। अतुल प्रधान ने बुधवार (3 अप्रैल) को इस सीट से नामांकन किया था। लेकिन अब सपा ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को यहां से प्रत्याशी बना दिया है।
अतुल प्रधान ने दी अपनी प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अतुल प्रधान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अतुल प्रधान ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का जो निर्णय है, वो स्वीकार है! इस पर जल्द ही साथियों से बैठकर बात करेंगे। इसके साथ उन्होंने अपने त्यागपत्र देने से संबंधित चर्चाओं को अफवाह बताया है।
2 सप्ताह पहले मेरठ से भानु प्रताप थे सपा प्रत्याशी
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने 2 सप्ताह पहले मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से भानु प्रताप को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जिसके बाद भानु प्रताप को बाहरी बताते हुए पार्टी के पदाधिकारी ने उनका विरोध किया। इसको लेकर कुछ लोगों ने अपना त्यागपत्र भी दे दिया। बाद में यह नेता लखनऊ गए और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष अपना पक्ष रखा। जिसके बाद अखिलेश यादव ने 2 दिन पहले भानु प्रताप का टिकट काट दिया। और अतुल प्रधान को सिंबल आवंटित कर दिया गया।
अतुल प्रधान ने मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से कर दिया था नामांकन
अतुल प्रधान ने बुधवार (3 अप्रैल) को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन पत्र दाखिल होते ही सोशल मीडिया पर सपा के प्रत्याशियों को बदलने की चर्चा शुरू हो गई। जिसके बाद अतुल प्रधान लखनऊ पहुंच गए। यहां उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों के बीच भारी मंथन के बाद अखिलेश यादव ने अतुल प्रधान का टिकट काटकर पूर्व महापौर व पूर्व विधायक योगेश वर्मा की धर्मपत्नी सुनीता वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
प्रत्याशियों के चयन को लेकर कन्फ्यूज अखिलेश
आपको बता दें यह पहली बार नहीं है, जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को टिकट देने को लेकर इतने कन्फ्यूज है। सपा मेरठ में अब तक में तीन बार प्रत्याशी बदला चुकी है। इसके साथ अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में भी आखिरी दिन अपना प्रत्याशी बदला था। और रामपुर में पार्टी के सिंबल पर दो लोग नामांकन करने पहुंच गए थे। तो वहीं गौतमबुद्धनगर में पहले महेंद्र नागर को टिकट दिया गया, उसके बाद उनका टिकट काटकर राहुल अवाना को मौका दिया गया, फिर पार्टी ने महेंद्र को प्रत्याशी बना दिया। इसके साथ बदायूं में अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को पार्टी से प्रत्याशी बनाया लेकिन वो वहां से लड़ने को तैयार नहीं है।
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