पूर्व आईपीएस ने कहा कि मात्र राजनैतिक कारणों से इस सूची में कई ऐसे नाम जानबूझ कर छोड़ दिए गए हैं, जिन पर दर्जनों बेहद संगीन मुकदमें हैं। और जिनके आपराधिक शोहरत से सभी परिचित हैं।