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महाराजा सुहेलदेव की शौर्यगाथा प्रेरणादायी - योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 24 जून (हि.स.)। राजा सुहेलदेव ने ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ही सलार मसूद की सेना को धूल चटाई थी और धर्म की रक्षा के लिए मसूद का वध हुआ। गुरुवार को राजा सुहेलदेव की गौरवगाथा पर विचार रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजा सुहेलदेव ने विदेशी आक्रांताओं से देश को बचाया था। उन्होंने कहा कि विदेशी जूठन पर पलने वाले कथित इतिहासकार अपनी काली लेखनी के माध्यम से इतिहास को भले ही तोड़ मरोड़ सकते हैं, लेकिन लोक कथा, लोक परम्परा, जनश्रुति गवाह हैं। लोक परम्परा ने महाराजा सुहेलदेव को कभी विस्मृत नहीं किया। लोकगाथा उनकी आज भी अर्चना करता है। भारत के महान सपूत के प्रति एक-एक नागरिक कृतज्ञ है। योगी ने कहा कि आज ज्येष्ठ पूर्णिमा है। 1033 में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन 17 से अधिक हिन्दू राजाओं ने राजा सुहेलदेव के नेतृत्व में मोहम्मद गजनी के भतीजे सालार मसूद की जिहादी सेना को नष्ट किया। यह शौर्य आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि बहराइच-श्रावस्ती महाराजा सुहेलदेव का कार्य क्षेत्र था। मोहम्मद गजनी के मृत्यु के उपरांत उसका भांजा सलार मसूद को गजनी का शासक बनाया गया तो उसने भारत पर हमले के क्रम में पहला हमला श्रीराम जन्मभूमि पर किया था। यहां से शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पर भी हमला करने के लिए निकला तो अन्य हिन्दू राजाओं ने सुहेलदेव के नेतृत्व में पूरजोर मुकाबला किया। उन्होंने बताया कि राजा सुहेलदेव ने सन 1033 में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गजनवी के भतीजे सलार मसूद का वध किया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन समय भारत की धर्म ध्वजा को सुहेलदेव ने ऊंचाई पर लहराने का कार्य किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाराज सुहेलदेव के बारे में कुत्सित प्रयास हुए कि उनके बारे में जनता को जानकारी न होने पाए। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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