ैनई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव होने में अब एक साल से भी कम का समय बचा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी की राजनीति में बड़े उलटफेर के आसार नजर आ रहे हैं। चुनाव से पहले क्षेत्रीय पार्टियां अपने लिए सही गठबंधन दल की तलाश कर रही है। हालांकि कई दलों इस गणित पर विराम लगाते हुए अपना राजनीतिक गठबंधन का साथी तय कर लिया है। लेकिन, राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर हुई मुलाकात ने इस चर्चा को एक बार फिर बल दे दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब रालोद विधायक एक साथ सीएम से मिले हैं। ऐसे में सियासी चर्चाओं का दौर तो शुरू होना तय है।
जयंत कर सकते है 'INDIA' से NDA का सफर
गौरतलब है कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा हैं, लेकिन राज्यसभा में दिल्ली बिल पर हुई वोटिंग में पहले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के अचानक गायब होने के बाद और अब उनके विधायकों के योगी से मुलाकात के बाद यह चर्चा तेज हो गई है। अब इस घटनाक्रम के सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं।
नौ में से आठ विधायक सीएम से मिले
आपको बता दें सियासी गलियारों में पहले ही जयंत के बीजेपी के साथ जाने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में जयंत वोटिंग में नहीं पहुंचे तो इन अटकलों को और बल मिलने लगा। चर्चा है कि जयंत भाजपा आलाकमान के संपर्क में हैं। इधर बुधवार को रालोद के नौ में से आठ विधायक सीएम से मिले। जिसके बाद इस पूरी चर्चा को लेकर और अधिक सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं। केवल गुलाम मोहम्मद इस मुलाकात में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि, उस समय सदन में उनका प्रश्न लगा था।
हालांकि रालोद विधायक कहते हैं कि वे प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा देने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने, गन्ना मूल्य में वृद्धि करने, किसानों को फ्री बिजली देने जैसे मामलों पर सीएम से मिले थे।