उप्र विधानसभा सत्र : गलत बिलिंग पर तत्काल एक्शन ले रही योगी सरकार

योगी सरकार ने विपक्ष के बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल के सवाल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह सरकार उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उप्र विधानसभा सत्र : गलत बिलिंग पर तत्काल एक्शन ले रही योगी सरकार
उप्र विधानसभा सत्र : गलत बिलिंग पर तत्काल एक्शन ले रही योगी सरकार

लखनऊ, हि.स । उत्तर प्रदेश विधान सभा मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को योगी सरकार ने विपक्ष के बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल के सवाल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह सरकार उपभोक्ताओं को बिजली का सही बिल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। गलत बिलिंग की शिकायत पर तत्काल प्रभाव से एक्शन लिया जा रहा है। साथ ही समय-समय पर बिलिंग प्रक्रिया की रैंडम चेकिंग भी हो रही है।

डिस्कॉम्स के अधिकारी कर रहे हैं रैंडम चेकिंग

विधानसभा में स्मार्ट मीटर के तहत गलत बिलिंग के सवाल पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग उपभोक्ताओं के परिसर पर जाकर एंड्रायड आधारित बिलिंग एप से मीटर रीडिंग लेकर बिल उपलब्ध करा रहा है। इसके अंतर्गत डाउनलोडेबल मीटरों में प्रोब के माध्यम से मीटर रीडिंग डाउनलोड कर बिल जारी किए जा रहे हैं।

प्रोब आधारित बिलिंग न हो पाने पर मीटर रीडर द्वारा मीटर की रीडिंग स्वयं अंकित कर बिलिंग एप से बिल जारी किया जाता है। उपभोक्ता को बिल जारी होने के बाद एसएमएस के माध्यम से भी बिल की जानकारी दी जाती है।

इसके साथ ही, डिस्काम्स द्वारा बिलिंग एजेंसियों से संपादित अनुबंध में माह में की जा रही बिलिंग की 01 प्रतिशत रैंडम चेकिंग बिलिंग एजेंसी के सुपरवाइजर द्वारा तथा 01 प्रतिशत रैंडम चेकिंग अतिरिक्त रूप से डिस्काम्स के आधिकारियों द्वारा किया जाना प्राविधानित है।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर से होगा समाधान

उपभोक्ता को त्रुटि रहित बिल जारी किए जाने के लिए यूपीसीएल की ओर से कई और सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके तहत, 10000 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह से अधिक तथा 100000 रुपये प्रति किलोवाट से अधिक की कुल बिल धनराशि वाले बिलों को बिलिंग प्रणाली पर रोके जाने की व्यवस्था है।

ऐसे प्रकरणों में संबंधित उपखंड अधिकारी, अधिशासी अभियंता (वितरण) द्वारा बिल पर विचार किए जाने के बाद ही त्रुटि रहित बिल जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त रिवैम्पड डिस्ट्रीेब्यू्शन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के अंतर्गत वर्तमान मीटरों को बदल कर प्रीपेड स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाने की योजना क्रियाशील है। इससे गलत बिलिंग की समस्या का निदान हो जाएगा।

ज्यादा यूनिट के बिल जनरेट नहीं कर रहे हैं स्मार्ट मीटर

प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य अतुल प्रधान ने सवाल किया कि मार्च 2023 तक कितने स्मार्ट मीटर लगाए गए और कितनों के खराब होने की शिकायतें दर्ज हुईं हैं ? क्या सरकार को जानकारी है कि ज्यादातर स्मार्ट मीटर गलत बिल जनरेट कर रहे हैं ? अगर ऐसी परिस्थिति है तो क्या सरकार स्मार्ट मीटर को वापस लेने पर विचार करेगी ?

इस पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर वापस लेने का सवाल ही नहीं है। स्मार्ट मीटर ज्यादा यूनिट के बिल जनरेट नहीं कर रहे हैं। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताेओं का विद्युत बीजक मीटर में रिकॉर्ड की गई वास्तविक ऊर्जा खपत के आधार पर बनाया जाता है। अभी तक स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं द्वारा स्मार्ट मीटर तेज चलने की

प्राप्त कुल 1005 शिकायतों में से जांच कराए जाने पर 961 स्मार्ट मीटर सही पाए गए एवं मात्र 44 स्मा्र्ट मीटर तेज चलते पाए जाने पर इन्हें तत्का्ल परिवर्तित कर दिया गया। यदि उपभोक्ता को स्थापित स्मार्ट मीटर में रिकॉर्ड की जा रही रीडिंग पर संदेह होता है तो उपभोक्ता द्वारा अनुरोध करने पर चेक मीटर लगाकर स्थापित स्मार्ट मीटर की जांच की जाती है।

किसी कमी के परिलक्षित होने पर मीटर को 15 दिनों के भीतर नए मीटर से बदलते हुए उस माह के, जिसमें शिकायत प्राप्त हुई, से पूर्व तीन माह का बिल अंतिम परिणाम के अनुसार पश्चातवर्ती (पोस्ट-ऑपरेटिव) बिल में समायोजित कर दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 20 मार्च 2023 तक 11.79 लाख स्मािर्ट मीटर स्थापित किए गए हैं। जून, 2018 में स्मार्ट मीटर स्थापना की शुरुआत से 20 मार्च 2023 तक स्मार्ट मीटर संबंधित कुल 72846 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसके बाद मीटरों को परिवर्तित कर दिया गया। इन परिवर्तित मीटरों में से 52250 स्मार्ट मीटर खराब होने एवं 4431 मीटर अन्य तकनीकी कारणों से परिवर्तित किए गए।

इससे पहले सपा के मोहम्मद फहीम इरफान ने भी बिजली से जुड़े मुद्दे सदन में उठाए और बुनकरों को सस्ती बिजली देने के लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in