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संत के समाधि से लौटने के लिए शिष्या ने ली समाधि, दस दिनों से क्यों है फ्रीजर में संत?

लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी आशुतोषमवारी ने अपने गुरु के समाज से लौट के लिए खुद समाधि लेकर सनसनी फैला दी। जानकारी के मुताबिक 28 जनवरी 2023  को साध्वी आशुतोषमवारी ने समाधि ले ली थी।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक रहे संत आशुतोष महाराज का समाधि का रहस्य पिछले 10 सालों से बरकरार है। उनके शिष्यों को उम्मीद है कि उनके गुरु वापस उसी रूप में लौटेंगे। लेकिन इसी बीच खबर यह है कि अपने गुरु के लौटने का इंतजार  एक शिष्या के लिए  इंतजार अब लंबा हो गया था। जिसके कारण लखनऊ के आनंद आश्रम की  साध्वी आशुतोषमवारी ने बीते 28 जनवरी को समाधि लेकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। आपको बता दें कि जब संत आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2004 को समाधि ली थी तो उन्होंने अपने शिष्यों से वादा किया था कि वह वापस जरूर आएंगे।

शिष्या ने समाधि क्यों ली?

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित आनंद आश्रम की साध्वी

आशुतोषमवारी ने गुरु को वापस लाने के लिए समाधि लेकर हर किसी को हैरत में डाल दिया है। साध्वी ने समाधि लेने से पहले एक वीडियो जारी कर संदेश दिया था। वह अपने गुरु को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समद ले रही है। आपको बता दे की दिव्य ज्योति जागरण संस्थान के अनुयायियों और साध्वी योग में जो समाज का विश्वास भरा है वह उन्हें अपने गुरु आशुतोष महाराज से मिला हुआ है। वहीं संस्थान के शिष्य साध्वी आशुतोषमवारी के शरीर को सुरक्षित रखने के लिए कोर्ट का रुख किया है।

कहां है गुरु का शरीर?

इस बीच बाबा महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने गुरु आशुतोष महाराज के शिष्यों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है ताकि वह समाधि से वापस ना आ सके। जानकारी के मुताबिक आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या को आंतरिक संदेश भेजा है। कि मुझे समाधि से वापस ले आए।  क्योंकि इन लोगों ने मुझे ड्रिप फ्रीजर में कैद करके रखा है। मेडिकल रिपोर्ट की माने तो 28 जनवरी 2004 को अशोक महाराज अपना शरीर छोड़ चुके हैं और उनका निधन हो चुका है। जबकि शिष्यों का दावा है कि महाराज अंतर्ध्यान है।

संत आशुतोष महाराज कौन है?

जी संत आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2004 को समाधि ली थी। वह बिहार के रहने वाले हैं। इनका जन्म 1946 में बिहार के मधुबनी के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इन्होंने जर्मनी से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की थी।  वहां से आने के बाद आशुतोष महाराज हिमालय और वाराणसी चले गए। यहां उन्होंने साधु संतों और गुरुओं से आध्यात्मिक शिक्षा की प्राप्त की। जानकारी के मुताबिक आशुतोष महाराज की कुल संपत्ति लगभग 1000 करोड़ के आसपास है।

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