उत्तर प्रदेश में बीते छह साल में एक भी किसान आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं हुआ है। जरा याद कीजिए वो समय जब प्रदेश के गन्ना किसान खेतों में ही अपनी फसल को जलाने के लिए मजबूर था।