नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव 2024 बहुत ही नजदीक है। सभी दलों की आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी तैयारी है। उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती सुर्खियों का केंद्र बनी हुई हैं। एक तरफ जहां उनकी पार्टी( बहुजन समाज पार्टी) रैलियों और सभाओं से दूर है। उनकी पार्टी के सांसद और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ते जा रहे हैं। लेकिन मायावती एकदम शांत हैं।
बहुजन समाजवादी पार्टी ने एक अलग सी चुप्पी बनाई हुई है
उत्तर प्रदेश में मोदी लहर में भी लोकसभा की 80 सीटों में से 2019 में बहुजन समाज पार्टी ने 10 सीटों में जीत हासिल की थी जो कि समाजवादी पार्टी से दुगनी थी। समाजवादी पार्टी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल 5 सीटों में ही जीत दर्ज कर सकी थी। जहां समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे आक्रामक हैं। वहीं समाजवादी पार्टी से दुगनी सीट में जीत दर्ज करने वाली पार्टी बहुजन समाज पार्टी का लोकसभा चुनाव को लेकर उत्साह समाजवादी पार्टी से कम लग रहा है। बहुजन समाजवादी पार्टी ने एक अलग सी चुप्पी बनाई हुई है।
मायावती की यह बातचीत उनके प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी से लेकर है
ऐसा क्या कारण है कि बीएसपी लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक किसी तरह की रैलियां आदि नहीं कर रही है। उसने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूचि भी जारी नहीं की है। मायावती की चुप्पी को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक बात बहुत ही चर्चा का केंद्र बनी हुई है, वो है मायावती का इंडिया गठबंधन से लेकर बातचीत का मामला। हालांकि यह बात खुलकर सामने नहीं आई है। मगर मायावती की यह बातचीत उनके प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी से लेकर है। आइए इस खबर में इस बात को समझने की कोशिश करें।
वहीं उनके अपने समुदाय से वोट भी कटे हैं
BSP सुप्रीमो मायावती को अगर इंडिया गठबंधन प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाती है तो इससे बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा जीवनदान मिल सकता है। यह जीवनदान कम से कम 5 साल तो मायावती के लिए बड़ा काम कर सकता है। प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने से वह राजनीती में एक बड़े नाम के रूप में उभर कर आ सकती हैं। उनकी पार्टी के अधिकतर कार्यकर्ता और नेता पार्टी छोड़ते जा रहे है। वहीं उनके अपने समुदाय से वोट भी कटे हैं। अगर वह पीएम की उम्मीदवार बनती हैं तो उनका समुदाय एक होकर उनके पक्ष में वोटिंग करेगा, जिसका बड़ा लाभ उन्हें मिल सकता है।
मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाने का संकल्प लिया था
अखिलेश यादव ने भी मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाने के संकेत दिए थे। लेकिन मायावती ने अखिलेश यादव के इस बयान से पहले ही उनको गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला कहते हुए अकेले चुनाव मैदान में उतरने की बात कही थी। जिसके बाद अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि उन्होंने तो मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाने का संकल्प लिया था। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री उस वर्ग से होना चाहिए जिन्होंने समाज की बुराइयों का हज़ारों साल से सामना किया हो। इस बीच इंडिया गठबंधन अखिलेश यादव की बात पर ध्यान देते हुए मायावती को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
अगर ऐसा नहीं होता है तो नरेंद्र मोदी को कोई भी गठबंधन नहीं रोक सकता है
वहीं मायावती के करीबी और अमरोहा से सांसद मलूक नागर ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर भाजपा को हराना है तो इंडिया गठबंधन को मायावती को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो नरेंद्र मोदी को कोई भी गठबंधन नहीं रोक सकता है।
मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाने के पीछे सोनिया गांधी की पहल चल रही है
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मायावती और प्रियंका गांधी वाड्रा की बातचीत मायावती को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने को लेकर चल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनकी बातचीत सफलता की दिशा में बढ़ रही है। मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाने के पीछे सोनिया गांधी की पहल चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश में 25 सीटें बहुजन समाज पार्टी को दे सकती है। अगर यह बातचीत ठीक से चलती है तो चुनाव अधिसूचना जारी होते ही बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में शामिल हो सकती है। लेकिन जब तक मायावती की पार्टी इस बात की पुष्टि नहीं कर देती है, तब तक इसको लेकर कुछ भी कन्फर्म नहीं किया जा सकता है।
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