विधान परिषद की खाली हो रही 13 सीटों के लिए 21 मार्च को होंगे चुनाव, 4 मार्च से नामांकन होंगे शुरू

आगामी 5 मई को उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटें खाली हो रही है। इसके लिए 21 मार्च को चुनाव होना है। वहीं 4 मार्च से नामांकन शुरू कर दिए जाएंगे।
Legislative Council elections will be held in Uttar Pradesh on March 21
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश की खाली हो रही 13 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने शुक्रवार को यह चुनाव कार्यक्रम घोषित किया। उन्होंने बताया कि इन रिक्त सीटों पर चुनाव के लिए आगामी 30 मार्च को मतदान करवाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने की अधिसूचना 4 मार्च को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 मार्च तय की गई है। वही 12 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी तथा नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 14 मार्च होगी। आपको बता दें कि 5 में को विधान परिषद की 13 सीटें खाली हो रही है।

अंतिम प्रत्याशी के लिए रोचक होगा मुकाबला

विधान परिषद चुनाव के लिए जहां एक तरफ बीजेपी जो जोर आजमाइश कर रही है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी कमर कस चुकी है। समाजवादी पार्टी को अपने तीन विधान परिषद सदस्यों को जिताने में कोई दिक्कत नहीं होगी। समाजवादी पार्टी के मौजूदा वक्त में मतदान के लिए आसानी से उपलब्ध विधायकों की संख्या 108 है। उसके दो सदस्य अभी जेल में बंद है। इनमें इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव हैं और एक विधायक बलरामपुर के गैसडी से शिव प्रसाद यादव का निधन हो चुका है। ऐसे में 13 वें प्रत्याशी को लेकर मुकाबले काफी दिलचस्प होने वाला है।

इन सदस्यों का कार्यकाल हो रहा समाप्त

आगामी पांच मई को विधान परिषद के जिन 13 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनमें यशवंत सिंह, विजय बहादुर पाठक ,विद्यासागर सोनकर, डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल, अशोक कटारिया ,अशोक धवन, बुक्कल नवाब डॉक्टर महेंद्र सिंह ,मोहसिन राजा ,निर्मला पासवान, आशीष पटेल, नरेश चंद्र उत्तम, और बसपा के भीमराव अंबेडकर शामिल हैं।

9 सदस्यों को भाजपा दिलाएगी एकतरफा जीत

भाजपा ने विधान परिषद में अपने प्रत्याशियों को जीताने के लिए रणनीति बना चुकी है। भाजपा व सहयोगी दलों के जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनकी संख्या 11 है। इनमें 10 भाजपा के आशीष पटेल अपना दल के हैं। जबकि एक सपा और एक बसपा का है। मौजूदा वक्त विधानसभा में 399 सदस्य हैं। चार सीटे रिक्त हैं। ऐसे में भाजपा का एक सदस्य कम होने की संभावना है। जबकि सपा का दो सदस्यों विधायकों की संख्या के मद्देनजर बढ़ जाएंगे। फिरहाल गणित के अनुसार विधान परिषद में जीत के लिए हर सदस्य को 30 मत चाहिए होंगे। भाजपा के 252 व सहयोगी दलों रालोद के 9 अपना दल के 13 निषाद पार्टी के छह सुभाषपा के पांच के अलावा जनता दल के दो सदस्यों को मान लें तो कुल सदस्यों की संख्या 237 होती है। ऐसे में भाजपा अपने नए सदस्यों को आसानी से जीत दिला सकती है।

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