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भारतीय नामों से ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराने वाली चाइना कंपनी के खिलाफ कैट, करेंगे देशव्यापी आंदोलन

- कहा भारतीय संस्कृति और देवी-देवताओं का अपमान कदापि बर्दाश्त नहीं झांसी, 20 जनवरी (हि.स.)। भारतीय संस्कृति से जुड़े चिंहों और नामों का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रशन कराकर देशी कंपनियों को उक्त नामों का इस्तेमाल करने पर नोटिस जारी करने वाली चाइनीज कम्पनी के खिलाफ कॉनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) तथा उत्तर प्रदेश व्यापार संगठन ने मोर्चा खोल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय संस्कृति और देवी-देवी देवताओं का अपमान कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत की विरासत को संजो कर रखना हमारा दायित्व है। एक स्थानीय होटल में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बुधवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कैट के राष्ट्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय पटवारी ने बताया कि वर्ष 2012 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय चीन की कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल आदि के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी “ लेनोवो” ने भारत में “योग” ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड करा लिया। इसके बाद धीरे धीरे कंपनी ने देश में पैर पसारे और अब काफी समय बीत जाने के बाद योग या इससे मिलते जुलते नाम का रजिस्ट्रेशन कराने का प्रयास करने वाली भारतीय कंपनियों को खुले तौर पर इस विदेशी कंपनी द्वारा नोटिस भेजा रहा है, ऐसा ही झांसी में कुटीर, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के तहत तीस साल से रजिस्टर्ड एक कंपनी के साथ हुआ। इस कंपनी ने जब दूसरी कंपनी के लिए “योग्या” इंटरप्राइजेज के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया तो रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद लेनोवो कंपनी की ओर से इस ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन को लेकर नोटिस भेजा है। कैट के राष्ट्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी विदेशी कंपनी इस तरह हमारे ही देश में हमारी संस्कृति से जुडे नामों का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन हासिल कर देशी कंपनियों को धमकाने का यह मामला बेहद गंभीर है। झांसी की इस कंपनी विशेष से जुड़ा मामला स्थानीय है लेकिन इस तरह के मामले देश भर से आगे भी आ सकते हैं और इससे यह बात गंभीर और राष्ट्रीय अस्मिता से जुड़ती है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल का अध्यक्ष होने के नाते हम इस मामले को कैट के संज्ञान में लाया गया है। 16 देशों में व्यापार कर रहे व्यापारी को अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में घसीटने की धमकी लेनोवो की ओर से योग से मिलते जुलते नाम का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नोटिस देकर आपत्ति दर्ज करायी गयी है। इसे वापस लेने अन्यथा की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय अदालत में घसीटे जाने की धमकी दी जा रही है। योग्या कंपनी के निदेशक संतोष सूरी ने बताया कि उनकी कंपनी 30 वर्षों से एमएसएमई के तहत रजिस्टर्ड है और ट्रांसफार्मर के पार्ट्स बनाने का काम करते ही तथा और 16 देशों में व्यापार करती है। कैट लड़ेगा देश के अस्मिता की लड़ाई अब यह लड़ाई देश के सबसे बडे व्यापारिक संगठन कैट के माध्यम से लड़ी जायेगी। इस लड़ाई को स्थानीय, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर लड़ा जायेगा। उत्तर प्रदेश के व्यापार मंडल के तत्वाधान में 22 जनवरी को विदेशी कंपनी के विरोध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा और सरकार से मांग की जायेगी कि तत्काल लेनोवो कंपनी के रजिस्ट्रेशन को खत्म किया जाए। भविष्य में किसी भी विदेशी कंपनी को भारतीय संस्कृति और धार्मिक नाम का रजिस्ट्रेशन या पेटेंट नहीं दिया जाए। इस संबंध में दो फरवरी को व्यापार संगठन द्वारा चीन का ध्वज और पुतला दहन किया जायेगा। इस लड़ाई को राष्ट्रीय स्तर पर लड़ा जायेगा। भारतीय संस्कृति के नामों पर हुए पेटेण्ट हों रद्द संजय पटवारी ने कहा कि इस मामले को कैट के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष पेश कर आपत्ति दर्ज करा दी गयी है दिल्ली से अब यह आवाज पूरे देश में गूंजने जा रही है। जब सरकार और व्यापारी चीन के सामान का बहिष्कार कर रहे हैं तो ऐसे में कोई विदेशी कंपनी भारतीय नाम को खरीद कर बाहरी मुल्कों को क्या संदेश देना चाहती है। हमारी एक और मांग है कि जितनी भी विदेशी कंपनियों ने किसी भी भारतीय नाम से पेटेंट कराया है उन पेटेंट को रद्द कराया जाए। पेटेंट कानून में बदलाव तक जारी रहेगा संघर्ष सरकार के संज्ञान में यह मामला रखा गया है और हम व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करेंगे। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तो व्यापारी समाज एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा और यह तब तक चलेगा जब तक सरकार ऐसे पेटेंटों को रद्द नहीं कर देती है और पेटेंट कानूनों में बदलाव नहीं करा देती है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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