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कर्म और आचरण से मिलती है महानता : मनोज

-मनाया गया संत रविदास जयंती समारोह मीरजापुर, 27 फरवरी (हि.स.)। प्रतिभा महल एवं जाति की मोहताज नहीं होती। आपके आचरण, व्यवहार और कर्म आपको महान बनाते हैं। समाज के हर इंसान को अपना समझने वाले को जमाना याद करता है। महलों में पली मीराबाई चर्मकार संत शिरोमणि की शिष्या बनी। यह गुरु शिष्य के निर्मल मन को दर्शाता है। यह विचार भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य मनोज श्रीवास्तव ने संत रविदास संघर्ष सेवा समिति के तत्वावधान में नगर के डंगहर में आयोजित रविदास जयंती समारोह में शनिवार को मुख्य अतिथि के तौर पर कही। उन्होंने कहा कि मन की निर्मलता और कर्म के प्रति जागरूकता का संदेश संत शिरोमणि रविदास ने अपने कृत्यों से दिया। यह संदेश आज भी भ्रमित लोगों का मार्गदर्शन करता है। मन चंगा तो कठौती में गंगा मानने वाले संत रविदास ने वचन का धनी और कर्म के प्रति सदैव सजग रहने का संदेश दिया, जो लोगों को प्रेरणा देता है। कार्यक्रम संयोजक राजेश भारती ने कहा कि पैदा होना और मर जाना, केवल यही जीवन नहीं है। जो समाज और देश के लिए कुछ देकर जाता हैं वहीं महान होता है। सबके मान, सम्मान की चिंता करने वाले संत रविदास की जयंती समारोह में शामिल होना भगवान की असीम कृपा है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के सह संयोजक राजकुमार भारतीय एवं संचालन शिवलाल सोनकर ने किया। इस दौरान रविशंकर साहू, मनोज दमकल, मुकेश कुमार केशवानी, डा.अखिलेश अग्रहरि, शांतनु चतुर्वेदी, जगन्नाथ, मनीष सिंह, अंकुर श्रीवस्ताव, संतोष सिंह आदि मौजूद रहे। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/संजय

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