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कानपुर : 92 स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला अस्पताल में मनाया गया खुशहाल परिवार दिवस व जन आरोग्य मेला

— योग्य दम्पतियों को परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए किया गया जागरूक — दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम हो तीन साल का अंतर - सीएमओ कानपुर, 21 फरवरी (हि.स.)। गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता लाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए रविवार को जनपद की 92 स्वास्थ्य इकाईयों सहित जिला अस्पताल पर खुशहाल परिवार दिवस और मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला मनाया गया। इस दौरान आने वाले मरीजों के स्वास्थ्य जांच के साथ ही दवा भी दी गई। इस दौरान स्टाल लगाकर गर्भ निरोधक संसाधनों के बारे में योग्य दम्पतियों को जागरूक किया गया और परिवार नियोजन के साधन वितरित किये गए। सीएमओ डाॅ. अनिल मिश्रा ने कहा कि हमारे संसाधन सीमित हैं, ऐसे में आबादी को भी सीमित रखना बहुत ही जरूरी है। दो बच्चों के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए ताकि महिला का शरीर पूरी तरह से दूसरे गर्भधारण के लिए तैयार हो सके। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को भी सुधार जा सकता है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री का यह सपना है कि अपना प्रदेश रोग मुक्त हो इसलिए माह के हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला मनाया जाता है इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य की जाँच और उनको उचित दवा भी दी जाती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके सिंह ने कहा कि नव दम्पतियों को शादी के दो साल बाद ही बच्चे के बारे में सोचने के प्रति जागरूक करने की बात कही, क्योंकि पहले जरूरी है कि पति-पत्नी एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझें, परिवार को समझें और अपने को आर्थिक रूप से इस काबिल बना लें कि अच्छी तरह से बच्चे का लालन-पालन कर सकें तभी बच्चा पैदा करने की योजना बनाएं। उप जिला स्वास्थ्य सूचना अधिकारी राजेश यादव ने बताया कि 21 जनवरी को मनाये गए खुशहाल परिवार दिवस में 695 लोगों को माला एन, 316 को साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, 289 को त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, 277 को कापर टी, 51 को प्रसव पश्चात कापर टी और 5837 लोगों को कंडोम का वितरण किया गया। आरोग्य मेला के आंकड़े आरोग्य मेले के दौरान 153 लोगों के लीवर रोग का, 485 लोगों के श्वास रोग का, 543 लोगों के गैस्ट्रो रोग का, 1171 लोगों के चर्म रोग का, 35 क्षय रोगियों का और 194 लोगों में डायिबटीज चेकअप किया गया। इस दौरान 1041 लोगों की कोविड जांच हुई और 665 गोल्डन कार्ड बनाये गये| साथ ही 474 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांचे करी गई। सभी मरीजों को उनके मर्ज के अनुसार चिकित्सीय परामर्श एवं दवाएं दी गईं। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद

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