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त्रिवेणी स्ट्रक्चरल कंपनी के कर्मकारों के भुगतान को लेकर याचिका पर जवाव तलब

प्रयागराज, 01 फरवरी (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने त्रिवेणी स्ट्रक्चरल लि कंपनी के कर्मकारों के बकाया वेतन, भविष्य निधि, बीमा, अवकाश नकदीकरण, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान की जवाबदेही तय करने की मांग में दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए 15 अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया है और विपक्षियों से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने अमरनाथ विश्वकर्मा की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना है कि सरकारी कंपनी के बीमार होने पर कर्मकारों के वेतन आदि के भुगतान की जिम्मेदारी भारत सरकार और होल्डिंग कंपनी भारत यंत्र निगम की होती है। जिसके लिए उन्हें निर्देश दिया जाय। याची अधिवक्ता का यह भी कहना है कि बीआईएफआर का कार्य बीमार कंपनी को पुनर्जीवित करने का सुझाव देना है। वह कंपनी के समापन की राय नही दे सकती। कंपनी एक्ट में किसी कंपनी के समापन के छह तरीके बताये गये है। जिसमे बीएफआईआर की संस्तुति पर समापन का उपबंध नही है। इसलिए कंपनी के समापन की कार्यवाही विधि सम्मत नहीं है। त्रिवेणी स्ट्रक्चरल कंपनी भारत सरकार की कंपनी है और भारत यंत्र निगम का त्रिवेणी स्ट्रक्चरल मे 50 फीसदी शेयर है। भारत यंत्र निगम होल्डिंग कंपनी है और कार्यरत है। मूल कंपनी के रहते सबसिडियरी कंपनी का समापन नहीं किया जा सकता। कर्मचारियों के बकाये के भुगतान की जिम्मेदारी भारत सरकार व भारत यंत्र निगम दोनों की है। मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक-hindusthansamachar.in

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