लखनऊ, (हि.स.)। गंगा की मिट्टी से कपड़े पर हनुमान चालिसा और श्रीमद्भागवत गीता लिखने वाले वाराणसी के भेलूपुर निवासी हाजी इरशाद अली बनारसी ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इरशाद अली बनारसी ने मुख्यमंत्री से अपनी अगली कलाकृति की योजना को साझा किया। मुख्यमंत्री ने इरशाद अली को कलाकारी के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं दी।
CM योगी से इरशाद अली बनारसी ने अपने पुत्र मुदस्सिर अली को मिलाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे इरशाद अली बनारसी ने अपने पुत्र मुदस्सिर अली को मिलाया। खुशमिजाज माहौल में मुख्यमंत्री ने मुदस्सिर अली से भी उनकी रुचि के बारे में कम शब्दों में वार्ता की। मुलाकात के दौरान वाराणसी से प्रदेश सरकार आने वाले आयुष राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ.दयाशंकर मिश्र दयालु मौजूद रहे। डॉ. दयाशंकर मिश्र ने मुख्यमंत्री के सम्मुख वाराणसी से जुड़े विषयों को रखा और इरशाद अली व उनके पुत्र मुदस्सिर के कार्यो की कम अवधि में पूरी व्याख्या की।
श्वेत कपड़ा पर गंगा की तलहटी से मिट्टी लेकर हनुमान चालीसा लिख डाली
ज्ञातव्य हो कि सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के श्रीरामचरित मानस पर टीका टिप्पणी के बीच वाराणसी के इरशाद अली बनारसी से श्वेत कपड़ा पर गंगा की तलहटी से मिट्टी लेकर हनुमान चालीसा लिख डाली। इरशाद अली बनारसी ने वाराणसी से धर्म स्थापना का संदेश देते हुए श्रीमद्भागवत गीता भी लिखी। जिसकी चर्चा जोरो पर रही। इरशाद अली अपने धर्म स्थापना संदेश के साथ राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
इरशाद अली जैसे भारतीय नागरिको की तरह देश में अनेकता में एकता बनी हुई है। जो हर धर्म में समान भाव रखते हैं। 500 साल के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो चूका है। बड़े ही धूमधाम से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को संपन्न हुआ। ऐसे समय में इरशाद अली का श्वेत कपड़ा पर गंगा की तलहटी से मिट्टी लेकर हनुमान चालीसा लिख डालना श्री रामलला के सबसे बड़े भक्त और सेवक भगवान हनुमान के लिए एक मुस्लिम कलाकार की सच्ची श्रदा का परिचय है।
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