चांदी व्यापारी से 43 लाख छीनने की जांच शुरु, एक माह में वाणिज्यकर कमिश्नर को सौंपी जायेगी रिपोर्ट
लखनऊ, 14 मई (हि.स.)। मथुरा के चांदी व्यापारी प्रदीप कुमार अग्रवाल से 43 लाख रुपये छीनने के मामले की जांच वाराणसी के वाणिज्यकर एडिशनल कमिश्नर प्रदीप कुमार को सौंपा गया है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर एक माह के भीतर रिपोर्ट सौपेंगे। इससे पहले दोनों अधिकारियों को यहां से हटाकर दूसरों जिलों में भेज दिया गया है। जबकि एक अधिकरी के निलंबन की भी बात कही जा रही है। मथुरा के एक चांदी व्यापारी प्रदीप अग्रवाल ने 12 दिन बाद आगरा के लोहमंडी थाने में तहरीर दी। कहा कि उनके साथ आगरा के वाणिज्यकर अधिकारी शैलन्द्र सिंह और अजय सिंह व उनकी टीम ने लखनऊ से वापस लौटते वक्त 43 लाख रुपये छीन लिए थे। विरोध करने पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी गयी थी। इसकी शिकायत उन्होंने वाणिज्य कर मुख्यालय में की थी। विभागीय जांच में आरोप सिद्ध होने पर मुख्यालय ने आरोपित पाये गए अधिकारी शैलेन्द्र कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी, वाणिज्यकर सचल दल षष्ठम ईकाई को ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यालपाल) वाणिज्यकर बांदा से सम्बद्ध किया गया है। वहीं, अजय कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर, सचल दल, सप्तम ईकाई आगरा को ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यालपाल) वाणिज्यकर मिर्जापुर कार्यालय से सम्बद्ध किया है। जांच टीम लगायी गयी इस मामले को संज्ञान में आने के बाद वाणिज्यकर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने कहा कि इस घटना से विभाग की छवि धूमिल हुई है। शैलेन्द्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, इस पूरे मामले की जांच वाराणसी के वाणिज्यकर एडिशनल कमिश्नर प्रदीप कुमार को सौंपा गया है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर एक माह के भीतर रिपोर्ट सौपेंगे। कमिश्नर ने एसपी को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि विभागीय जांच में सामने आया है कि असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार, और प्राइवेट गाड़ी का चालक दिनेश कुमार घटना में शामिल थे। इन सभी के नाम विवेचना में खोलकर कार्रवाई की जाए। सचल दल में थे तैनात सचल दल में वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार जो कि यूनिट छह जबकि असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार वाणिज्य कर विभाग के सचल दल सात में तैनात थे। पूछताछ के दौरान आरोपित आरक्षी ने अपने एक बयान में कहा कि इन लोगों ने उसे भी साथ में चलने को कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया था। बाद में पता चला कि ज्वाइंट कमिश्नर का आदेश है तो फिर वह उनके साथ चला गया था। यह पहला मामला नहीं है चांदी व्यापारी से रुपये छीनने का यह पहला मामला नहीं है। आज से दो साल पहले रावतपाड़ा में एक पान मसाला व्यापारी से डिप्टी कमिश्नर स्तर के सचल दल अधिकारी द्वारा 50 लाख रुपये छीनने का मामला सामने आया था। अधिकारी ने व्यापारी से ली गई रकम आयकर विभाग को सौंपकर अपनी गर्दन बचाई थी। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक