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कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार, रात में मरीजों को देखते नहीं चिकित्सक

वाराणसी, 07 मई (हि.स.)। वाराणसी के कोविड अस्पतालों में भर्ती संक्रमित मरीजों के इलाज में लापरवाही और उनके साथ अमानवीय व्यवहार की शिकायतें थम नहीं रही। संक्रमित मरीजों के परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक वार्डो में भी राउंड पर नहीं जाते। बीएचयू के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में शिकायतों की लगातार वीडियो और फोटो भी वायरल होता रहता है। ताजा मामला लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल का है। अस्पताल के ग्राउंड तल के बेड नंबर-19 पर भर्ती कोविड मरीज राकेश पाठक ने परिजनों के जरिये आरोप लगाया कि रात की ड्यूटी पर कार्यरत लेडी डॉक्टर का व्यवहार बेहद अमर्यादित है। वे कुछ सुनने को तैयार नहीं रहती। मरीज का आरोप है कि मेरी तबीयत ज्यादा इसलिए ख़राब हुई क्योंकि 20 दिन से डेक्सोना वन जैसी स्टेरायड जो मुझे चल रहा है। अचानक आकर बन्द कर देती है, जबकि इसे धीरे-धीरे बन्द करना होता है, पर वे नहीं मानती। राकेश पाठक ने 02 से पांच मई के बीच का अस्पताल का रेकार्ड चेक करने की मांग की हैं। उन्होंने बताया कि मैं बिल्कुल ठीक हो गया था। घर वापस लौटने की स्थिति में था। पर डॉक्टर की लापरवाही से मैं वापस संघर्ष कर रहा हूं, पता नहीं अब क्या होगा। शिकायत के बाद दूसरे डॉक्टर ने मेरी बात सुनकर दवा की डबल डोज 08 एमजी कर दी। ये जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि कोई सीनियर डॉक्टर रात में मरीज को नहीं देख रहे है। इन चिकित्सकों की वजह से ही केन्द्र और प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है। उधर, छित्तुपुर सीर निवासी कोरोना से मृत व्यापारी व देश अढ़तिया कोरोना के परिजन भी भी अस्पताल में अमानवीय व्यवहार को लेकर मुखर हैं। सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने सवाल किया है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि लगभग ठीक हो चले उनके मरीज को अचानक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और किन परिस्थितयों में मरीज ने दम तोड़ दिया। परिजन उपचार का पूरा विवरण मांग रहे है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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