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पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती के बचे पदों को भरने की सैकड़ों याचिकाएं खारिज

प्रयागराज, 21 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती की खाली रह गयी तीन हजार विज्ञापित पदों को कैरी फारवर्ड न कर नीचे के मेरिट से चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्त करने की मांग को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि यदि नियम नहीं है तो चयनित होने मात्र से किसी को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट ने कहा कि सरकार सभी विज्ञापित पदों को भरने के लिए बाध्य नहीं है। हाईकोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय बाध्यकारी है। इसलिए कोई राहत नहीं दी जा सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी ने अजय प्रकाश मिश्र व 216 अन्य सहित सैकड़ों याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एन सिंह सहित आधे दर्जन वकीलों ने बहस की। याचियों का कहना था वे सभी चयनित है। कट आफ मेरिट 191.6 अंक से अधिक अंक प्राप्त कर सफल हुए हैं। पुलिस भर्ती बोर्ड ने 28 हजार 916 सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती में सामान्य 403.6, ओबीसी 394.73 व एससी/ एसटी 380.3 अंक कट आफ मेरिट पर दस्तावेज सत्यापन व शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया। पुलिस भर्ती नियमावली के अनुसार खाली पदों को उसी भर्ती के तहत भरा जायेगा। कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट के कारण अस्वीकार कर दिया गया। कुछ मेडिकल जांच में फेल हो गये। सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल के तीन हजार पद भरे नहीं जा सके हैं और वह पद खाली पड़े हैं। जिसे मेरिट नीचे कर सफल अभ्यर्थियो से भरा जाना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/विद्या कान्त

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