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दिलों को जोड़ने का नाम है मानव एकता - सत्गुरु माता सुदीक्षा जी

बांदा, 25 अप्रैल (हि.स.)। ‘दिलों को जोड़ने का नाम है मानव एकता और यह सम्भव होता है परमात्मा के बोध से। परमात्मा की जानकारी होते ही पता चल जाता है कि हम सब एक हैं।’ यह उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आज वर्चुअल रूप में आयोजित मानव एकता दिवस पर सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। जोनल इंचार्ज डा. दर्शन सिंह ने बताया कि संत निरंकारी मिशन के बाबा गुरबचन सिंह को 24 अप्रैल, 1980 के दिन संसार में मानव एकता, अमन, चैन का वातावरण स्थापित करते हुए सत्य की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी। उनके तप-त्याग से परिपूर्ण जीवन एवं शिक्षाओं से प्रेरणा लेने के लिए संत निरंकारी मिशन की ओर से यह दिन ‘मानव एकता दिवस’ के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस वर्ष वर्चुअल रूप में आयोजित मानव एकता समागम का लाभ पूरे विश्व में फैले लाखों निरंकारी भक्तों ने मिशन की वेबसाईट के माध्यम से प्राप्त किया। सत्गुरु माता सुदीक्षा जी ने आगे कहा कि आत्मा और परमात्मा का जब मिलन हो जाता है तो मानव-मानव के बीच में जाति-पाति, ऊँच-नीच जैसा कोई फर्क नजर नहीं आता बल्कि हर किसी की सेवा एवं मदद करने का भाव पैदा होता है। इसका व्यवहारिक रूप पिछले एक वर्ष से दिख रहा है कि कोरोना महामारी के संकट के दौरान मिषन के श्रद्धालु भक्तों ने विभिन्न रूपों में लगातार मानवता की सेवा में अपना योगदान दिया है। बाबा गुरबचन सिंह ने एक ओर जहां सत्य के बोध द्वारा मानव जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त करने का प्रयत्न किया, वहीं दूसरी ओर नशाबंदी एवं सादा शादियां जैसे समाज सुधारों की नींव रखी। बताया कि मिशन की ओर से बुराड़ी रोड दिल्ली पर स्थित ग्राउंड नं.8 पर बने संत निरंकारी सत्संग भवन में दिल्ली सरकार के सहयोग से 1000 से भी अधिक बेड का कोविड ट्रीटमेंट सेंटर पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ मानवता की सेवा के लिए समर्पित किया जा रहा है। सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने इस कोविड ट्रीटमेंट सेंटर का अवलोकन किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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