अशिक्षित गरीब अपने अधिकारों से रहता अज्ञान : हरिओम जिंदल
अशिक्षित गरीब अपने अधिकारों से रहता अज्ञान : हरिओम जिंदल

अशिक्षित गरीब अपने अधिकारों से रहता अज्ञान : हरिओम जिंदल

कानपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। देश को सुधारने के लिये गरीब अमीर की ख़ाई पाटना बहुत ज़रूरी है। गरीब बच्चे अशिक्षित रह जाते हैं यही लोग आगे चलकर वोटर बनते हैं, लेकिन उन्हें लोकतंत्र का अर्थ ही नहीं पता होता। इसलिए वे अपने मताधिकार का सही से प्रयोग नहीं कर पाते। इन बच्चों को अधिकारों का ज्ञान हो जायेगा तो वो कूड़ा उठाने के बजाये पढ़ना पसन्द करेंग़े। यह बातें गुरुवार को एक वेबिनार में बाल अधिकारों के प्रति निरंतर संघर्षशील हरिओम जिंदल ने कही। इंडियन सोसाइटी आफ क्रिमिनोलोजी तथा इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ के संयुक्त तत्ववधान में भारत में बाल अधिकार- मुद्दे और चुनौतियाँ विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में मुख्य वक्ता व देश के जाने माने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा सामाजिक गतिविधियों से जुड़े विशेषकर बाल अधिकारों के प्रति निरन्तर संघर्षशील हरिओम जिन्दल ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि देश की बहुत बड़ी आबादी लोकतंत्र के अपने अधिकारों का प्रयोग नहीं कर पाते, क्योंकि उनको शिक्षा ही नहीं मिलती। इसी के चलते वह अपने मताधिकार का प्रयोग दूसरों के कहने पर कर देता है और उसका खामियाजा राष्ट्र को भुगतना पड़ता है। सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि इंडो नेपाल सीमा पर बल का काम काफ़ी चुनौती पूर्ण हैं, क्योंकि दोनां देशों की सीमाए खुली हैं। ऐसे में सीमापार से होने वाले अपराध जैसे नारकोटिक्स, जानवरों और मानव तस्करी को रोक कर प्रभावी नियंत्रण बल के जवानों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे कल का भविष्य हैं, इसलिए उनका समुचित विकास होना चाहिये। उन्होंने कहा कि देश में प्रति पन्द्रह मिनट बाल यौन उत्पीड़न की घटना हो रही है। कुछ स्कूलों में बच्चों में नशाखोरी की प्रवृत्ति देखी जा रही है। बाल मनोविज्ञान के परिवर्तन में साइबर की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि बच्चे पब जी जैसा खेल से हिंसक हो रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि भारत की पचास प्रतिशत आबादी पच्चीस वर्ष से कम है जिसे सही रास्ते पर रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अभिभावक शिक्षक बच्चों पर नज़र रखें और उनके क्रिया कलापों पर ध्यान दें। वन्य जीव बोर्ड के सदस्य डाक्टर अनूप सिंह ने गोष्ठी का सार प्रस्तुत करते हुये कहा कि बालमन बड़ा भावुक होता है इसको अच्छा माहौल देना हमारी ज़िम्मेदारी है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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