guido39s-hooranges-hurriyans-dressed-in-old-costumes-showered-sticks
guido39s-hooranges-hurriyans-dressed-in-old-costumes-showered-sticks

गिडोह के हुरंगे : पुरानी वेशभूषा से सुसज्जित हुरियारिनों ने बरसाई लाठियां

हुक्कों की गुड़गुड़ाहट के साथ शुरू हुआ गिडोह का हुरंगा मथुरा, 31 मार्च(हि.स.)। श्रीकृष्ण की नगरी ब्रजभूमि के नंदगांव और बरसाना में बसंत पंचमी से शुरू हुई होली का बुधवार शाम गिडोह के हुरंगे के साथ समापन हो गया। हुरंगे में हुरियारिनों ने प्रेम पगी लाठियां जमकर बरसाई। इस दौरान लोगों का हुजूम सैकड़ों की संख्या में नजर आया। सबसे आकर्षण का केन्द्र यहां हुक्कों की गुड़गुड़ाहट के साथ सरदारी राम-राम सा कहते निकलते है। बुधवार शाम हुरियारे होली के रसिया और समाज गायन करते लाला वाली गली से होते हुए गांव के मध्य बने बीच के मंदिर पर पहुंचे। हंसी-ठिठोली और पद गायन करते हुरियारे मंदिर से हवेली वाली गली होते हुए लठामार होली वाले चौक पर एकत्रित हुए। ग्रामीणों ने नंदगांव के हुरियारे और सरदारी का गुलाल लगा और गुलाल की पंखुडियां बरसा कर भव्य स्वागत किया। पीछे-पीछे समाज के लोग मेरी राम-राम पंचन ते जब ते भूल गयौ एवं अन्य होली के रसिया नगाड़े, ढप के साथ गाते बजाते हुक्कों की गुड़गुड़ाहट के साथ पहुंचे। हुरंगा चौक में पहले से अपनी लाठियों को तैयार किए हुरियारिनें पंक्तिबद्ध होकर पीटने के लिए इशारे की बाट जोह रहीं थीं। बुधवार शाम हुरियारों को दाऊ दादा के प्रतीक ध्वज से लठामार के आयोजन का आदेश प्राप्त हुआ। आदेश मिलते ही हुरियारिनें प्रेम पगी लाठियों का प्रहार हुरियारों पर करने लगीं। उसी प्रहार से बचने के लिए हुरियारे लकड़ी के हत्थों से अपना बचाव कर रहे थे। आधा घंटे चली लठामार के दौरान दर्शक रोमांचित होकर राधाकृष्ण के जयघोष करने लगे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in