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गोरखपुर : किरायेदारों का 'सत्यापन' कर 'रोहिंग्या' तलासेगी पुलिस

गोरखपुर, 21 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में आठ रोहिंग्या मिलने के बाद इन्हें लेकर गोरखपुर पुलिस संजीदा है। अब अपराधियों की कुंडली तैयार करने के साथ यह रोहिंग्या भी तलासेगी। एडीजी जोन अखिल कुमार ने इस बावत निर्देश दिया है। किरायेदारों के सत्यापन से छिप कर जोन के 11 जिलों में रह रहे संदिग्धों के साथ 'रोहिंग्या' को भी पकड़ने की कोशिश होगी। किरायेदारों की पहचान छिपाने अथवा उनका सत्यापन न करवाने वाले मकान मालिकों को भी दायरे में रखा जाएगा। किरायेदार के रूप में मकान में रहने वाले रोहिंग्या मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई तय होगी। एडीजी जोन अखिल कुमार ने जोन के 11 जिलों के कप्तानों को किरायदारों के सत्यापन के निर्देश दिया हैं। मकान मालिकों से भी किरायदारों का सत्यापन करवाने के आग्रह के साथ चेतावनी भी दी गयी है। निर्देश के मुताबिक यदि किसी घटना में रोहिंग्या के शामिल होने की पुष्टि होगी तो संबंधित मकान मालिक के खिलाफ उसके शरणदाता के रूप अभियुक्त बनाकर कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि पिछले दिनों यूपी में 8 रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में संभव है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जोन में शामिल जिले उनके लिए सुरक्षित शरणस्थल बनें। नेपाल व बिहार सीमा से जुड़े हैं जिले आदेश में दी गई जानकारी के मुताबिक जोन के 05 जिले नेपाल सीमा व 03 जिले बिहार की सीमा से जुड़े हैं। सीमावर्ती इलाकों में अपराधियों के साथ ही देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के प्रवेश की हमेशा आशंका बनी रहती है। इसलिए किराएदारों का सत्यापन जरूरी है। सत्यापन से अपराधियों की पूरी जानकारी मिलती है। उनके छिपकर रहने की संभावनाएं भी पूरी तरह खत्म हो जाती हैं। वैरिफिकेशन से अपराधियों में भय होने लगता है। सत्यापन करा थाने में फार्म जमा करें मकान मालिक किरायेदारों के सत्यापन जिम्मेदारी खुद मकान मालिक को उठाना होगा। इसके लिए सिर्फ किराएदारों से जुड़ी जानकारियों का फार्म भरकर उन्हें थाने में जमा करना होगा। फार्म जमा करने पर मकान मालिक को थाने से इसकी रसीद मिलेगी। फिर उस व्यक्ति का वैरिफिकेशन होगा। थाने के रिकार्ड में दर्ज होगा। जरूरत के हिसाब से इस जानकारी का उपयोग होगा। बेबसाइट पर है सत्यापन फार्म एडीजी के जारी आदेश के मुताबिक किराएदारों का सत्यापन फार्म उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट https://www.uppolice.gov.in/ पर मौजूद है। यह चरित्र सत्यापन up police cop app के जरिए भी आनलाइन की जा सकती है। एडीजी बोले एडीजी अखिल कुमार ने कहा है कि अपराधियों को लेकर पुलिस संजीदा रहती है। अब रोहिंग्या पर भी नजर रहेगी। संभव है कि वे विभिन्न जिलों में अपनी पहचान छिपाकर और ठिकाना बदल-बदलकर रह रहे हों। मकान मालिक को उनकी पूरी जानकारी नहीं हो। ऐसा इसलिए संभव है कि किरायेदारों की बिना जांच के ही मकान किराए पर दे देते हैं। इसलिए जोन के जिलों में अभियान चलाकर किराए के मकानों में रह रहे लोगों का सत्यापन कराने का निर्णय लिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/आमोद

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