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जीआईसी प्रधानाचार्य भर्ती चयन सूची दोषपूर्ण करार, नये सिरे से चयन सूची बनाने का निर्देश

साक्षात्कार तक प्रति हस्ताक्षरित अनुभव प्रमाणपत्र वालों को ही करें शामिल प्रयागराज, 22 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग की राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य की चयन सूची को दोषपूर्ण करार दिया है और आयोग को एक माह मे नये सिरे से चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चयन सूची मे उन्ही अभ्यर्थियों को शामिल किया जाय जो पद के योग्य है और साक्षात्कार के समय तक संयुक्त निदेशक से प्रति हस्ताक्षरित तीन वर्ष का अध्यापन अनुभव प्रमाणपत्र पेश किया हो। आयोग ने 33 ऐसे लोगों को प्राविधिक रूप से चयन सूची मे शामिल कर लिया था, जिन्होने संयुक्त निदेशक से प्रति हस्ताक्षरित अनुभव प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया है। उन्हें बाद में दाखिल करने का उत्सर्जन दिया गया है। ऐसे अभ्यर्थियो को चयन सूची से बाहर कर नये सिरे से चयन सूची जारी की जायेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने अशोक कुमार व 6 अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि आयोग ने 2018 मे संयुक्त भर्ती विज्ञापन निकाला। जिसमें आवेदन के समय पद की योग्यता रखने वालो से तीन वर्ष का अनुभव प्रमाणपत्र संयुक्त निदेशक माध्यमिक से प्रति हस्ताक्षरित कराकर जमा करना था। लिखित परीक्षा मे प्रधानाचार्य पद के लिए 248 अभ्यर्थी सफल घोषित किये गए और उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। सभी से संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा से प्रति हस्ताक्षरित अनुभव प्रमाणपत्र लाने को कहा गया। यह कोर्ट के आदेश पर किया गया। क्योंकि कुछ लोग आनलाइन फार्म भरते समय अनुभव प्रमाणपत्र नहीं भेज सके थे। कोर्ट ने साक्षात्कार के समय प्रमाणपत्र देने की छूट दी थी। 11 सितम्बर 20 को परिणाम घोषित किया गया तो 33 ऐसे लोगों का नाम शामिल था जिन्होंने साक्षात्कार के समय अनुभव प्रमाणपत्र नहीं दिया था। जिसे चुनौती दी गयी और उन्हे चयन सूची से हटाने की मांग की गयी। याची की तरफ से अधिवक्ता का कहना था कि अनुभव प्रमाणपत्र प्रति हस्ताक्षरित न हो पाने के कारण कई लोग साक्षात्कार नही दे सके। ऐसे में कुछ लोगों को चयनित कर मौका देना उन लोगों के साथ विभेदकारी है। आयोग अपनी ही अधिसूचना का उल्लंघन कर रहा है। जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। आयोग की तरफ से कहा गया कि मूल प्रमाणपत्र देखकर प्रोविजनल रूप से चयन सूची मे रखा गया है। कोर्ट ने इसे सही नही माना और कहा कि आयोग अपनी अधिसूचनाओं का पालन कर चयन सूची तैयार करे। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक

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