Ghosi Bypoll Election 2023: छह वर्ष में चौथी बार हो रहा मतदान, यहां जाने क्यों खास है घोसी उपचुनाव?

Ghosi Bypoll Election 2023: उत्तर प्रदेश में घोसी विधानसभा के उपचुनाव की चर्चा जोरो पर है। क्योंकि इस सीट के लिए पिछले छह वर्ष में आज चौथी बार मतदान हो रहा है।
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नई दिल्ली, रफ्तार न्यूज डेस्क। पूरे देश मे इस समय उपचुनाव की चर्चा ने जोर पकड़ रखा है। देश के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया है। इस पूरे उपचुनाव में सबसे चर्चित सीट उत्तर प्रदेश में घोसी विधानसभा उपचुनाव की है। इस सीट पर विपक्षी गठबंधन (I.N.D.I.A.) और भाजपा गठबंधन (NDA) आमने सामने है। इस उपचुनाव को विपक्षी दलों के नए बने गठबंधन (I.N.D.I.A.) के दावों और उनकी एकता के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है।

क्यों इतना खास है घोसी उपचुनाव?

दरअसल, उत्तर प्रदेश में घोसी विधानसभा के उपचुनाव की काफी चर्चा जोरों पर है। क्योंकि इस सीट के लिए पिछले छह वर्ष में आज चौथी बार मतदान हो रहा है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति के लिए भी अहम माना जा रहा है। इस उपचुनाव को विपक्षी दलों के नए बने गठबंधन (I.N.D.I.A) के दावों और उनकी एकता के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा है। वर्ष 2017 में विधानसभा के आम चुनाव में घोसी सीट से भाजपा के उम्मीदवार फागू चौहान ने विजय हासिल की थी। उन्होंने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को चुनाव हराया था। जब फागू चौहान बिहार के राज्यपाल नियुक्त हुए तो उनके इस्तीफे के बाद वर्ष 2019 में उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव में भाजपा के विजय राजभर ने सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को पराजित किया था।

पिछले छह साल में चौथी बार हो रहा मतदान

इसके बाद वर्ष 2022 में जब विधानसभा का आम चुनाव हुआ तो योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने भाजपा से इस्तीफा देकर सपा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार विजय राजभर को हराकर जीत हासिल की। लेकिन, एक साल बाद ही दारा सिंह चौहान ने विधानसभा और सपा से इस्तीफा देकर पुनः भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह इस सीट पर पिछले छह साल में ही आज चौथी बार मतदान हो रहा है।

साख पर है "INDIA" और "NDA" गठबंधन की एकता

वर्ष 2022 के चुनाव में जब दारा सिंह चौहान ने सपा के टिकट पर यहां का चुनाव जीता था, उस समय ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी सपा के गठबंधन में थी। लेकिन, आज के उपचुनाव में स्थितियां बिल्कुल अलग हैं। इस समय ओमप्रकाश राजभर भाजपा गठबंधन के साथ हैं। ऐसे में यह उपचुनाव दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर के सियासत की अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा गठित आईएनडीआईए गठबंधन के लिए भी आज का मतदान लिटमस टेस्ट साबित होगा।

10 उम्मीदवार ठोंक रहे ताल

इस उपचुनाव में हालांकि कुल 10 उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के दारा सिंह चौहान और समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह के ही बीच है। कांग्रेस ने सपा को अपना समर्थन दे रखा है, लेकिन बसपा ने न तो अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है और न ही किसी को समर्थन दिया है। ऐसे में उसके मतदाता किधर करवट बदलेंगे यह भी क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।

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