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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के रवैये से संस्कृत महाविद्यालयों में रोष

-लगाया उपेक्षा और दीक्षान्त समारोह में निमंत्रण पत्र न भेजने का आरोप वाराणसी, 01 मार्च (हि.स.)। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह के पूर्व संध्या पर सोमवार को कुलपति प्रो.राजाराम शुक्ल के रवैये पर संस्कृत महाविद्यालयों के प्रबंधन ने नाराजगी जताई है। दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय परिसर में उत्तर प्रदेशीय संस्कृत विद्यालयाध्यापक समिति की बैठक में जुटे प्राचार्य और आचार्यो ने कुलपति पर उपेक्षा का आरोप लगाया। समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा.गणेश दत्त शास्त्री ने कुलपति के उपेक्षात्मक रवैये की निंदा की। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में जब भी दीक्षांत समारोह आयोजित हुए उस समय उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों को सूचना एवं निमंत्रण-पत्र भेजा जाता रहा है। किन्तु इस वर्ष तो सुवर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्रों व महाविद्यालयों को कोई सूचना नहीं दी गयी। विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर देखने से पदकों की जानकारी महाविद्यालयों को हुई। उन्होंने कहा कि वर्तमान कुलपति ने सारी परंपराओं को ताक पर रखते हुए विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किसी भी महाविद्यालय में निमंत्रण पत्र व सूचना न प्रेषित करने की नयी परंपरा को जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि कुलपति से इस गंभीर विषय पर वार्ता करने पर भी महाविद्यालय के प्राचार्यों व अध्यापकों की उपस्थिति को महत्व नही दिया गया। बैठक में वक्ताओं ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व राज्यपाल को पत्रक देने का निर्णय करते हुए कुलपति के नकारात्मक रवैये के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने की मांग की गयी। बैठक में डॉ. अभिषेक पाठक, डॉ. परमानन्द पांडेय, डॉ. शिवमणि मिश्र, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. अनिल राय, डॉ. उमेश त्रिपाठी आदि शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक

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