हाईकोर्ट के जज रहे राजस्थान के पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह पंचतत्व में विलीन

former-governor-of-rajasthan-anshuman-singh-merged-in-panchatattva-high-court-judge
former-governor-of-rajasthan-anshuman-singh-merged-in-panchatattva-high-court-judge

प्रयागराज, 08 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद और राजस्थान हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को दिन में रसूलाबाद घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके छोटे बेटे अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने दी। जस्टिस अंशुमान सिंह का सोमवार तड़के चार बजे लखनऊ के पीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया था। अंतिम संस्कार के मौके पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के कई न्यायमूर्ति, अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता और शहर के गणमान्य नागरिक श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। जस्टिस अंशुमान सिंह का जन्म 07 जुलाई1935 को इलाहाबाद में हुआ था। विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने वर्ष 1957 से जिला न्यायालय, इलाहाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष 1968 से उन्होंने दीवानी के मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत प्रारम्भ की। वर्ष 1976 में वह उ०प्र० सरकार के स्थायी अधिवक्ता बने। वर्ष 1984 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायधीश बनाए गए। जस्टिस अंशुमान सिंह ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय दिए हैं। वर्ष 1994 में वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित होकर गए। अवकाश प्राप्त करने के बाद 17 अप्रैल 1998 को वह गुजरात के राज्यपाल बने। इसके बाद 16 जनवरी 1999 से 13 मई 2003 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। उनके निधन पर जूनियर लायर्स एसोसिएशन, यंग लायर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों, हाईकोर्ट कर्मचारी संघ सहित तमाम लोगों ने शोक व्यक्त किया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/दीपक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in