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फर्रुखाबाद-कोरोना ने बढ़ा दिए चार सौ रुपये प्रति कुंटल मक्का के भाव

फर्रुखाबाद, 17 जून (हि.स.)। कोरोना ने मक्का के भाव चार सौ कुंटल बढ़ा दिया है।11 सौ रुपये प्रति कुंतल बिकने वाली मक्का मौजूदा समय में 15 सौ रुपए प्रति कुंतल बिक रही है। जिसकी खास वजह है कि डॉक्टर कोरोना संक्रमित रोगी को मक्का की रोटी खाना मुफीद बता रहे हैं। जिससे मक्का की मांग बाहरी मंडियों में भी बढ़ गई है। किसानों ने मक्का के भाव बढ़ने से राहत की सांस ली है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में गर्मी की ऋतु में मक्का की फसल तैयार की जाती है। किसान सुरेंद्र सिंह का कहना है कि आलू की फसल लेने के बाद किसान इन खेतों में 'आम के आम और गुठलियों के दाम वाली' कहावत को चरितार्थ कर अपने खेतों में मक्का बो देता है। गत वर्ष मक्का ग्यारह सौ रुपया प्रति कुंटल बिकी। लेकिन इस बार मक्का का भाव 1500 रुपये प्रति कुंतल पहुंच गया है। जिससे किसानों को भारी राहत मिली है। किसान मक्का को छीलकर बाजार ले जा रहा है। खास बात यह है कि व्यापारी गांव-गांव पहुंच कर मक्का खरीद रहे हैं। और किसानों को उनकी फसल का पैसा घर बैठे दे रहे हैं। प्रगतिशील किसान सुधांशु गंगवार का कहना है कि गर्मी के समय मक्का की फसल बिना किसी लागत के तैयार हो जाती है। जिससे किसानों को इस फसल में अच्छा लाभ होता है। मक्का के थोक आढ़ती अली दराज खान बताते हैं कि इस समय बाहर की मंडियों में मक्का की मांग काफी बढ़ गई है। उनका कहना है कि गत वर्ष बाहर की मंडियों में कोरोना काल में मक्का की मांग कम हो गई थी। और मक्का के दाम एकदम गिर गए थे। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमित रोगियों को डॉक्टर मक्का की रोटी खाना मुफीद बता रहे हैं। जिससे मक्का के भाव 400 रुपये प्रति कुंतल उछाल मार गए हैं। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी एके सिंह का कहना है कि इस वर्ष जिले भर में 1000 हेक्टेयर भूमि पर मक्का की फसल तैयार की गई है। कुछ किसानों ने अपनी मक्का को काट कर बेच दिया है। तथा कुछ किसान खेतों से मक्का काटकर अपने घर ले जा रहे हैं। फिलहाल मक्का की मांग इस समय बाहर की मंडियों में बहुत बढ़ गई है। मक्का व्यापारी अवधेश सिंह राठौर का कहना है कि अब तक वह कम से कम 20 ट्रक मक्का बाहर की मंडियों में भेज चुके हैं। मक्का से जहां फास्ट फ्रूट तैयार किए जाते हैं वहीं दूसरी तरफ मक्का से मुर्गी दाना बनाया जाता है। सबसे खास बात यह है कि मक्का के अगले भाग को निकालकर स्टार्च बनाया जाता है। जो बहुत महंगा बिकता है। इस वजह से मक्का के दाम किसानों को इस वर्ष वाजिब मिल रहे हैं।उनका कहना है कि किसानों की मक्का खरीदकर उन्हें नकद रुपया दिया जा रहा है। इस संबंध डॉक्टर केएम द्विवेदी का कहना है कि मक्का की रोटी के अंदर शीघ्र पचने की क्षमता होती है, और इसके अंदर जिंक, कैल्सियम पर्याप्त मात्रा में होते है। जिससे मक्का की रोटी कोरोनावायरस के ठीक हो जाने के बाद खाने से काफी लाभ देती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मक्का काफी फायदेमंद है। मक्का से ग्लोकोज भी तैयार किया जाता है। मक्का की रोटी में कई औषधि गुण मौजूद होते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रपाल

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