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मेडिकल समेत सभी नर्सिंग होम में बच्चों के लिए बेड की व्यवस्थाओं पर जोर

- तीन एक्सपर्ट पैनल देंगे प्रशिक्षण,बच्चों में मोटापा संक्रमण के लिए रिस्की झांसी,19 मई (हि.स.)। जनपद में कोविड-19 थर्ड वेब की आशंका के दृष्टिगत संक्रमण को रोकने के लिए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने विकास भवन सभागार में बाल रोग व स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करते हुए अभी से बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, ताकि छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को संक्रमित होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में खांसी या जुकाम की शिकायत है तो तत्काल चिकित्सक को दिखाएं, इसके साथ-साथ बच्चों की पल्स और हार्ट रेट पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि यदि तीसरी लहर में कोविड-19 संक्रमण बच्चों तक पहुंचता है तो उसके नियंत्रण तथा बचाव के लिए मेडीकल कॉलेज कोविड वार्ड में आईसीयू के 18 बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने इसके अतिरिक्त 31 प्राइवेट नर्सिंग होम में सभी सुविधाओं सहित 160 आईसीयू बेड तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को कोविड संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का आईसीयू कोविड महिला वार्ड बनाये जाने निर्देश दिए। तीन एक्सपर्ट पैनल देंगे प्रशिक्षण उन्होंने बताया कि तीन एक्सपर्ट पैनल तैयार किए गए हैं, गर्भवती महिलाओं के लिए बच्चों के लिए तथा एक विभिन्न कोविड हॉस्पिटल में इनसाइड प्रशिक्षण के लिए उक्त पैनल कोविड ट्रीटमेंट में नए-नए मेडिसन व थैरेपी के बारे में नर्सिंग होम के चिकित्सकों को प्रशिक्षण देंगे। यह प्रशिक्षण मेडिकल कॉलेज में भी प्रति रविवार को दिया जाएगा। नर्सिंग होम चिकित्सको को प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। जिले में 103 महिला रोग विशेषज्ञ व 48 बाल रोग विशेषज्ञ जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि जनपद में 103 महिला रोग विशेषज्ञ पंजीकृत हैं जिन्हें शासन द्वारा आवश्यकता पड़ने पर अधिग्रहण किया जाएगा और उनकी विभिन्न हॉस्पिटल में तैनाती करते हुए सेवाएं ली जाएंगी। इसके साथ ही जनपद में लगभग 48 बाल रोग विशेषज्ञ भी रजिस्टर्ड हैं। इन सभी को जरूरत पड़ने पर अधिग्रहित करते हुए चिल्ड्रन वार्ड में तैनात किया जाएगा ताकि उपचार में कोई समस्या न आये। मोटापा बढ़ने से बच्चों में बढ़ रहा संक्रमण का रिस्क बच्चों में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए मेडिकल कालेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि स्कूल बंद होने से बच्चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं, जिससे बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है जो कोविड-19 संक्रमण का रिस्क बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को सर्दी, खांसी, बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाये। घर मे भी बच्चों को सोशल डिस्टेंस, हाथों को बार बार धोना, प्रोटीनयुक्त भोजन कराएं, मोबाइल फोन से दूरी बनाएं रखें। माताएं मास्क लगाने की आदत बनाएं, बच्चों को खाना खिलाने से पहले व बाद में हाथों को साबुन से धुलाये, ठंडा पानी, कोल्ड्रिंक, आइसक्रीम न दें, सेनेटाइजेसन आदि विभिन्न उपाय करने से बच्चों में संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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