सूर्य ग्रहण में राशि पर पड़ने वाले प्रभाव का करें निदान : डॉ योगेश्वरी
सूर्य ग्रहण में राशि पर पड़ने वाले प्रभाव का करें निदान : डॉ योगेश्वरी

सूर्य ग्रहण में राशि पर पड़ने वाले प्रभाव का करें निदान : डॉ योगेश्वरी

ग्रहण काल में नकारात्मक शक्तियों का बढ़ता है प्रभाव प्रयागराज, 20 जून (हि.स)। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है। इस बार सूर्य ग्रहण 21 जून को दिन में 10.20 बजे शुरू होगा। इसका चरम दोपहर 12.02 बजे होगा और मोक्ष दोपहर में 3.04 बजे होगा। इस दौरान राशि पर पड़ने वाले कुप्रभाव के निदान के बारे में पूर्वी भारत की आचार्य पीठाधीश्वर, वागेश्वरी शक्तिपीठ की मॉं डॉ. योगेश्वरी माता ने उपाय बताये हैं। उन्होंने बताया है कि मेष राशि के जातक को सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए “ओम् ह््रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नमः” व “ओम् घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें और तिल, गुड़, लाल वस्त्र, मसूर की दाल और लाल वस्तुओं आदि का दान करें। वृष राशि के जातक को बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए भगवान श्री विष्णु के “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करे एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् भुवन भास्कराय नमः” मन्त्र का भी जाप करें और चावल, कपूर, सफेद कपड़ा या दूध का दान, कंबल व गर्म ऊनी वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। मिथुन राशि के जातक को भगवान श्री कृष्ण के मन्त्र “ओम् क्लीं कृष्णायै नमः” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् सूर्याय नमः” मन्त्र का जाप करे और सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद चींटियों को पंजीरी और गाय को हरा चारा खिलाये। कर्क राशि के जातक को “श्री हनुमान चालीसा” का पाठ करे और “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय” मन्त्र का जाप करें एवं दही, सफेद कपड़ा, दूध, चांदी, चीनी आदि का दान करना चाहिए। सिंह राशि के जातक को “ओम् क्लीं ब्रह्मणे जगदाधारायै नमः” मन्त्र का जाप करें एवं तांबे का सिक्का, तांबे का बर्तन, गेहूं, आटा, स्वर्ण, सेब और कोई भी मीठा फल आदि का दान करना चाहिए। इसी प्रकार कन्या राशि के जातक को श्री विष्णु के “ओम् विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करे एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् घृणि सूर्याय नमः” मन्त्र का भी जाप करें एवं सब्जी, गायों को हरा चारा, जरूरतमंद को भोजन, जल, इलायची और शर्बत आदि का दान करना चाहिए। तुला राशि के जातक को “श्री हनुमान चालीसा” का पाठ करे और “ओम् हं हनुमतये नमः” मन्त्र का जाप करें एवं मंदिर में पूजा सामग्री, झाड़ू, धूपबत्ती, दीपक, घी, इत्र आदि का दान करना चाहिए। वृश्चिक राशि के जातक को भगवान श्री विष्णु के मन्त्र “ओम् नमो नारायण” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् सूर्याय नमः” मन्त्र का जाप करे एवं सफेद तिल, गुड, दूध, पीली वस्तुएं, पीली मिठाई, हल्दी, गन्ना, गन्ने का रस, गुड़, चीनी और चंदन आदि का दान करना चाहिए। धनु राशि के जातक को भगवान श्री कृष्ण के मन्त्र “ओम् क्लीं कृष्णायै नमः” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् घृणि सूर्याय नमः” मन्त्र का जाप करे। एवं शहद, तिल, गु़ड़, चना, बेसन, केसर, स्वर्ण, मिठाई, चांदी और घी आदि का दान करना चाहिए। मकर राशि के जातक को भगवान श्री विष्णु के मन्त्र “ओम् नमो भगवते वासुदेवायः” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् आदित्याय नमः” मन्त्र का जाप करे एवं ऊनी वस्त्र, कंबल, गेहूं, चना, उड़द, पापड़, मटका, तिल, सरसों, कंघा और काजल आदि का दान करना चाहिए। कुम्भ राशि के जातक को भगवान श्री शिव के मन्त्र “ओम् नीलकंठाय नमः” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् घृणि सूर्याय नमः” मन्त्र का जाप करे एवं शहद, गु़ड़, तिल, ईंधन, आटा, मसाले, हनुमान चालीसा, दूध, जरूरतमंद को भोजन आदि का दान करना चाहिए। मीन राशि के जातक को भगवान श्री विष्णु के मन्त्र “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय” एवं भगवान सूर्यदेव के “ओम् आदित्याय नमः” मन्त्र का जाप करे एवं गु़ड़, घी, चने की दाल, केला, जरूरतमंद को वस्त्र आदि दान करना चाहिए। इसके अलावा पक्षियों को दाना डालें, चींटियों के बिल पर गुड़ व आटे का मिश्रण चढ़ाएं। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित-hindusthansamachar.in

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