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संक्रमितों का शव नदी में प्रवाहित न करें, नियमानुसार करें दाह संस्कार : मण्डलायुक्त

- प्राइवेट नर्सिंग होम इलाज के दौरान ले रहे अधिक पैसा ले रहे,सख्ती की जरुरत झांसी,16 मई (हि.स.)। कोरोना कर्फ्यू 24 मई तक बढ़ाया गया है, इसमें किसी भी सूरत में ढिलाई न बरतें। ग्रामीण क्षेत्र में शादियां व अन्य समारोह में कोविड प्रोटोकॉल पालन किया जाए। ग्रामीण निगरानी समिति लोगों को जागरूक करें कि संक्रमित मृतक का शव नदी में न बहाएं, शव का दाह संस्कार हो, असहाय गरीब लोगों को ग्राम पंचायत सहयोग राशि देकर संस्कार कराये। अस्पतालों में बेड व मरीज को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति हो, क्षेत्र में सैनिटाइजेशन, एन्टीजन टेस्टिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग सहित अन्य बिंदुओं की गहन समीक्षा शासन द्वारा जनपद में नामित वरिष्ठ नोडल अधिकारी एवं मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने विकास भवन सभागार में की। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित आईसीसीसी की बैठक में उन्होंने जनपद में कोविड-19 से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। जनपद में ब्लैक फगंस के मरीजों व उनके इलाज में दी जा रही दवाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि जो दवाएं आवश्यक हों बताएं, उनकी उपलब्धता की जाएगी। उन्होंने नर्सिंग होम द्वारा मरीजों से इलाज के लिए अधिक पैसा लेने की बात कही और निर्देश दिए कि अधिक पैसा लेने वाले नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र की निगरानी समितियों को आरआरटी का भी काम करने का सुझाव दिया ताकि सही समय पर संक्रमित की सूचना प्राप्त की जा सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज के कोविड-19 वार्ड में नोडल अधिकारी स्वयं पीपी किट पहनकर मरीजों को प्राप्त होने वाली सुविधाओं की जानकारी लें, उन्हें प्राप्त होने वाला भोजन, सफाई व्यवस्था, वेंटीलेटर काम कर रहा अथवा नहीं, डॉक्टर समय से आते हैं या नहीं, इसकी जानकारी लें। ताकि कोई कमी हो तो उसे दूर किया जा सके। समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्राइवेट नर्सिंग होम में यदि इलाज के दौरान कोविड पाॅजीटिव की मौत होती है तो उसकी जानकारी तत्काल दें, छुपाएं नहीं। नोडल अधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम से भी हिसाब लिये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि वह कोविड पाॅजिटिव मरीज का इलाज कर रहें है तो उसकी पूरी जानकारी लें। गांवों में अब तक हो चुका 75 हजार घरों का सर्वे जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने जानकारी देते हुए बताया कि निगरानी समितियों द्वारा लगभग दो लाख घरों के सापेक्ष 75 हजार घरों का सर्वे करते हुए 3800 की टेस्टिंग की है। हर गांव में प्रतिदिन 10 लोगों की जांच की जानी है। ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार एंटीजन टेस्टिंग प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज जिसकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है उसे होम आइसोलेशन के स्थान पर अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है, ताकि प्रॉपर इलाज करते हुए उसे बचाया जा सके। साथ ही बताया कि जिला अस्पताल, सीएचसी बड़ागांव, बरुआसागर, चिरगांव तथा रानीपुर में जल्द ही पीएसए स्थापित होने जा रहा है, सभी तैयारियां कर ली गई है। पीएसए की स्थापना से ऑक्सीजन की उपलब्धता निरंतर बनी रहेगी। जिलाधिकारी ने प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा मरीज से अधिक पैसा वसूलने पर कहा कि यदि मरीज द्वारा शिकायत की जाएगी तो नर्सिंग होम के खिलाफ अवश्य कार्रवाई होगी। इस मौके पर सीडीओ शैलेष कुमार, नगर आयुक्त अवनीश कुमार राय, एडीएम राम अक्षयवर चौहान, एडीएम न्याय संजय पांडेय, एसपी सिटी विवेक कुमार त्रिपाठी, एसपी ग्रामीण नेपाल सिंह, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. एनएस सेंगर,उप प्रधानाचार्य डॉ अंशुल जैन, नगर मजिस्ट्रेट सलिल पटेल, डॉ सुधीर कुलश्रेष्ठ सहित अन्य चिकित्सक व अधिकारी उपस्थित रहे। माॅस्क न लगाने वालों से अब तक वसूला एक करोड़ 16 लाख समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। लगभग एक करोड़ 16 लाख का चालान माॅस्क न लगाने वालों से वसूला गया है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गैंग को पकड़ा गया है। सभी मजिस्ट्रेट के साथ फोर्स लगाया गया है ताकि हॉस्पिटल में तीमारदारों द्वारा मारपीट को रोका जा सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में भी कोविड गाइड लाइन के पालन की जानकारी दी। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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