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डीएम मेरठ को फटकार, बाकी जिलाधिकारियों को निर्देश

प्रयागराज, 08 मई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कालाबाजारी के आरोप में जब्त कर मालखाने में रखी जीवन रक्षक दवाओं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, आक्सीजन सिलिंडर, आक्सीमीटर को उपयोग में लाने पर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया है। पुलिस को एक हफ्ते के भीतर डीएम से सम्पर्क कर इसका आदेश प्राप्त करने को कहा है। डीएम को पुलिस की अर्जी पर तीन दिन में धारा 457 के तहत आदेश जारी करने के भी निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान ऑनलाइन पेश हुए लखनऊ के जिलाधिकारी ने बताया कि अस्पतालो में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। यहां के सन हास्पिटल ने दुर्भावना से पैनिक किया। दूसरे समर्थ हास्पिटल को कोरोना मरीज भर्ती करने का अधिकार नहीं है। दोनों पर कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने डीएम के सराहना की और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। संतोष जनक जवाब नहीं दे पाने पर मेरठ के डीएम को फटकार लगाई। वह जिले में आक्सीजन की उपलब्धता तक नहीं बता पाए। कोर्ट ने कहा डीएम ने कोई जांच ही नहीं की। 11 मई को जांच रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया। इस दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया प्रदेश मे आक्सीजन प्लांट मे उत्पादन शुरू हो गया है। मांग और आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है। केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन का कोई संकट नहीं है। मांग और आपूर्ति की मामूली दिक्कत थी लेकिन इतनी नहीं कि इसकी कमी से किसी की जान चली जाए। प्रदेश में अब पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। सीएमओ व डीएम के रेफरल लेटर की व्यवस्था हटा ली गयी है। केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले में एएसजीआइ ने बताया कि आक्सीजन की मांग और आपूर्ति के गैप को काफी कम किया गया है। व्यवस्था में निरंतर सुधार जारी है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन

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