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निर्जला एकादशी पर विंध्यधाम उमड़े श्रद्धालु, नवरात्र जैसा माहौल

स्नान-दान कर कमाया पुण्य, मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने को आतुर दिखे श्रद्धालु मीरजापुर, 21 जून (हि.स.)। निर्जला एकादशी पर्व पर सोमवार को विंध्यधाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सामान्य दिनों की अपेक्षा आज नवरात्र जैसी भीड़ रही। महिला-पुरूष, बच्चे व बुजुर्ग सभी आस्था पथ पर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए गंगा तट पर भी सर्वाधिक भीड़ दिखी। स्नान-दान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य अर्जित किया, तो वहीं मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना की। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष निर्जला एकादशी पर्व पर तरह-तरह के फूलों व विभिन्न आभूषणों से मां विंध्यवासिनी का भव्य श्रृंगार किया गया था। विंध्यधाम पहुंचे श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद सीधे मंदिर की ओर बढ़े और सीढ़ी पर मत्था टेक कतारबद्ध हो गए। कोइ झांकी से तो कोई गर्भगृह पहुंच मां का दर्शन-पूजन किया। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के समक्ष शीश नवाया और हवन-कुंड की भी परिक्रमा की। विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर जनेऊ संस्कार के साथ ही पाठ-अनुष्ठान का भी दौर चलता रहा। मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने बाद भक्तों ने नंगे पांव त्रिकोण यात्रा की। विंध्य पर्वत पर विराजमान मां काली और मां अष्टभुजा का विधिवत पूजन-अर्चन किया। दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पंडा समाज भी दूर-दराज से आए तीर्थयात्रियों को दर्शन-पूजन कराने में जुटा रहा। भीड़ के चलते सभी वाहन स्टैंड, होटल और ढाबे भरे रहे। विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर यज्ञोपवीत के लिए लोग काफी इंतजार करते दिखे। दर्शनाथियों की भीड़ से व्यापारी काफी खुश दिखे। कोरोना काल के दौरान यह पहला अवसर था, जब नवरात्र जैसा माहौल देखने को मिला। निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं के विंध्यधाम आने का सिलसिला दिन भर चलता रहा। भीड़ अधिक होने के चलते श्रद्धालुओं को जाम की समस्या से जूझना पड़ा। वहीं विंध्य कारिडोर निर्माण के लिए किए गए ध्वस्तीकरण से जगह-जगह बने गड्ढे व फैले मलबे से भी परेशानी हुई। विंध्याचल प्रवेश करने वाले दो प्रमुख मार्गों पर अंडर पास पुल के अंदर जलजमाव से भी परेशानी झेलनी पड़ी। पटेंगरा नाला व रेहड़ा पुल के नीचे जलभराव से गाड़ियां पानी में ही बंद हो गई। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त

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