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सुरक्षा मामले में आत्मनिर्भर होने पर ही देश का विकास और सुरक्षा संभव: डॉ.उदय प्रताप

आगरा, 07 मार्च (हि.स.)। विकास और सुरक्षा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इक्कसवीं सदी में हमें विकास भी चाहिए और सुरक्षा भी। यह तभी संभव है जब हम सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर होंगे। यह कहना पीसी बागला कॉलेज, हाथरस के सैन्य विज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. उदय प्रताप सिंह का था। वह डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में चल रहे पुस्तक मेले में रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में आए हुए थे और 'रक्षा नीति और राजनीति' विषय पर आधारित विमर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमारे देश की नीति यही है कि ना तो हम आक्रमण करेंगे और ना ही किसी का अत्याचार बर्दाश्त करेंगे। इसीलिए हमारी सुरक्षा नीति ऐसी होनी चाहिए कि अपराधी डरे ना कि हम। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने बहुत विस्तार से रक्षा नीति से जुड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बहुत बारीकी से प्रकाश डाला। बताया कि आज की युद्ध नीति केवल यह नहीं रह गई है जहां आमने-सामने की ही लड़ाई हो, आज सुरक्षा के मायने बदल गए हैं। ह्यूमन इंटेलिजेंस और साइबर जगत ने युद्ध नीतियां बदल दी हैं। इस विमर्श कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे के.एम.आई. के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर ने कहा कि जब हम एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र होंगे तो कोई भी देश हमारी ओर आंख उठाने का साहस नहीं करेगा। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश एक सशक्त राष्ट्र की भूमिका में आ गया है और पूरा विश्व आज हमारी ओर श्रद्धा और आदर के साथ देखता है। इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र में विद्यार्थियों ने वक्ताओं से रक्षा सुरक्षा से सम्बन्धित प्रश्न पूछे। विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का समाधान डॉ. उदय प्रताप द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ. मनोज राठौर, प्रोफेसर अनिल वर्मा, डॉ. बी डी शुक्ला, डॉ. अखिलेश सक्सेना, डॉ. संदीप कुमार सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीकांत/संजय

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